(Pi Bureau)
शाश्वत तिवारी
“अटल बिहारी बाजपाई जी के विपक्षी तो थे, पर विरोधी कोई नहीं था”
सभी जानते है की अटल जी का लखनऊ से बड़ा पुराना रिश्ता रहा है वो यहाँ से कई बार सांसद रहे है। लखनऊ के बाशिंदे हिन्दू – मुसलमान सभी उनको बहुत प्यार करते है। आज उनके निधन की खबर से शहर लखनऊ बहुत गमगीन है।
क्या हिन्दू क्या मुसलमान, क्या छोटा- बड़ा, सभी के हरदिल अज़ीज़ थे अटल जी। लखनऊ वालो को आज भी उन पर फक्र है। लखनऊ अटल जी की कर्म भूमि रही है। जवानी के दिनों में यही रह कर उन्होंने पत्रकारिता की और ‘राष्ट्रधर्म‘ अखबार से लम्बे समय तक जुड़े रहे।
लखनऊ का सांसद व देश का प्रधानमंत्री रहते हुए जब भी उनको लखनऊ आने का मौका मिलता वो बहुत ख़ुशी से आते है। अटल जी बड़े शोक से चौक की राजा की ठंडाई, दही जलेबी, आलू खस्ता, लस्सी, यहाँ के लजीज कवाब का मजा लेते थे।
लखनऊ प्रवास के दौरान अटल जी हज़रतगंज के दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर के दर्शन करने जरूर जाया करते थे।
अटल जी ने कभी भी किसी को निराश नहीं किया, वो सब से खूब मिलते जुलते रहते थे, उनकी मौजूदगी में यहाँ कई महफ़िलो में देर शाम तक कविता और शेरो- शाइरी का दौर चलता रहा है।