(Pi Bureau)
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने अपनी जांच में 45 बैंक अधिकारियों के अलावा 123 सरकारी अधिकारी को भ्रष्ट पाया है। हालांकि इन अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए अभी सीवीसी को विभिन्न मंत्रालयों व अन्य विभागों से पिछले चार महीने से मंजूरी नहीं मिली है।
इन विभागों के अधिकारी भी शामिल
जिन विभागों से सीवीसी मंजूरी का इंतजार कर रहा है उनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवा अधिकारी, सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग शामिल हैं। इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक, केनरा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, बैंक आफ महाराष्ट्र, पंजाब नेशनल बैंक, इलाहाबाद बैंक, सिंडिकेट बैंक और ओरियंटल बैंक आफ कॉमर्स के बैंक अधिकारी शामिल हैं। बैंकों के 45 अधिकारियों के खिलाफ 57 केस दर्ज हुए हैं।
इनके खिलाफ भी नहीं मिलेगी मंजूरी
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, प्रवर्तन निदेशालय के सहायक निदेशक और एक आयकर अधिकारी से संबंधित मामले में भी विभागों की मंजूरी नहीं मिल पाई है, जिसकी वजह से इनके खिलाफ अभियोजन शुरू नहीं हो पाया है।
सबसे ज्यादा लंबित हैं इन मंत्रालयों में मामले
सबसे अधिक आठ मामले कार्मिक मंत्रालय के पास लंबित हैं। कार्मिक विभाग भ्रष्टाचार रोधक मामलों में नोडल विभाग के रूप में काम करता है। इसके अलावा पांच-पांच मामले रेल मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार की मंजूरी के इंतजार में अटके हुए हैं। इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेश, रेवेन्यू विभाग, रक्षा मंत्रालय, खाद्य मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय में दो मामले लंबित हैं।