Pi Health: ऐसे रखे सर्दियों के मौसम में डायबिटीज के मरीज अपनी सेहत का ख्याल…

(Pi Bureau)

नवंबर मधुमेह जागरूकता माह है और विश्व मधुमेह दिवस 14 नवंबर को पड़ता है। भारत और दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली इस बीमारी के बारे में अधिक समझने का यह एक अच्छा समय है। मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज न करने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं इसलिए मधुमेह के प्रति जागरूकता, देखभाल और उपचार बेहद महत्वपूर्ण है।

मधुमेह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की इंसुलिन का उत्पादन या उपयोग करने की क्षमता कम हो जाती है। इंसुलिन एक हॉर्मोन है जो शरीर की रक्त शर्करा के स्तर को नियमित करने में मदद करता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि जब पर्याप्त इंसुलिन नहीं होता, तो ब्लड शुगर लेवल अधिक हो जाता है। इससे हृदय रोग, स्ट्रोक, गुर्दे की बीमारी व अंधापन सहित और भी कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। तो सर्दियों में डायबिटीज के मरीज किस तरह से अपनी देखभाल कर सकते हैं

1. रोज़ाना एक्सरसाइज जरूर करें

सर्दियों में आलसपन के चलते एक्सरसाइज करना थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो अपना ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने, इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाने के लिए इस मौसम में भी एक्सरसाइज़ करना जारी रखें। सर्दियों में फिजिकल एक्टिविटी कम होने की वजह से वजन भी बढ़ने लगता है तो और ज्यादा बड़ी समस्या है। तो एक्सरसाइज इन सभी से निपटने में कारगर है। 

2. ऑयली फूड का सेवन कम करे

वैसे तो ऑयली फूड हर एक मौसम में नुकसानदायक होते हैं लेकिन मानसून और सर्दियों के मौसम लोग कुछ ज्यादा ही मात्रा में इनका सेवन करने लगते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल से लेकर वजन तक तेजी से बढ़ाने का काम करते हैं। तो डायबिटीज के मरीजों को तो खासतौर से सावधानी बरतनी चाहिए, क्‍योंकि इस समय इम्‍यून सिस्‍टम थोड़ा कमजोर हो जाता है। जो आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। 

3. स्किन का ख्याल रखें

इस मौसम में अपने शरीर के साथ ही हाथ और पैरों का भी ज़्यादा ख्याल खना चाहिए। साफ-सुथरा रखने के साथ ही यह भी देखते रहें कि कहीं जलने, कटने या घाव के निशान तो नहीं है। स्किन को मॉश्चराइज रखें क्योंकि ड्रायनेस से खुजली हो सकती है और बहुत ज्यादा खुजली से घाव बन सकते हैं। 

4. अन्य सावधानियां

डायबिटीज़ और दूसरी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में इस मौसम में फ़्लू और निमोनिया होने का रिस्क भी बढ़ जाता है। तो इससे बचे रहने के लिए टीके या दवाई की जिस किसी की भी जरूरत हो, अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा करके ले लें। 

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