(Pi Bureau)
मैनपुरी लोकसभा और रामपुर व खतौली विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के समानांतर भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव के लिए व्यूह रचना शुरू कर दी है। निकाय चुनाव के रण में भाजपा के रथ की रास खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थामे हुए हैं। डबल को ट्रिपल इंजन वाली सरकार बनाने के लिए प्रबुद्ध सम्मेलनों के जरिये योगी योजनाबद्ध तरीके से निकाय चुनाव में भाजपा की मुहिम को धार दे रहे हैं।
17 नगर निगम क्षेत्रों पर भाजपा की नजर
नगरीय निकाय चुनाव में उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगम क्षेत्र भाजपा के लिए सर्वाधिक प्रतिष्ठापरक हैं। इस लिहाज से प्रदेश में भाजपा के सर्वाधिक चर्चित ब्रांड एंबेस्डर के तौर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलनों के माध्यम से नगर निगमों वाले क्षेत्रों को मथना शुरू कर दिया है। सीएम योगी अब तक सहारनपुर, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, झांसी, प्रयागराज और अयोध्या में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलनों को संबोधित कर चुके हैं और आने वाले दिनों में भी यह सिलसिला सभी नगर निगम क्षेत्रों में जारी रहेगा।
डबल इंजन सरकार के विकास कार्यों की झांकी
प्रबुद्ध सम्मेलनों के मंच से सीएम योगी शहरी क्षेत्रों के प्रबुद्ध वर्ग के समक्ष केंद्र और राज्य की डबल इंजन की सरकारों के विकास कार्यों की झांकी दिखाने के साथ उन्हें यह संदेश दे रहे हैं कि निकाय चुनाव में जीत से बनने वाली ट्रिपल इंजन की सरकार की बदौलत विकास को धरातल पर और भी तेजी से पहुंचाया जा सकेगा। उद्देश्य निकाय चुनाव का माहौल गर्माने से पहले वहां कमल खिलाने के लिए उपयुक्त वातावरण पैदा करना है।
सरकार और संगठन की दोहरी ताकत
सरकार के अगुआ होने के नाते सीएम योगी निकाय चुनाव की कमान संभाल रहे हैं तो सरकार और संगठन की दोहरी ताकत उनके साथ है। दोनों उप मुख्यमंत्रियों समेत प्रदेश के 17 मंत्रियों को नगर निगम क्षेत्रों का प्रभारी बनाया जा चुका है। उनके साथ पार्टी के पदाधिकारी/सह प्रभारी बनाये गए हैं। निकाय चुनाव के लिए प्रत्येक जिले में संयोजक और सह संयोजक नियुक्त किये गए हैं। नगर पालिका परिषद स्तर पर जिला/क्षेत्र के पदाधिकारी/नेता प्रभारी बनाये गए हैैं। नगर पंचायत स्तर पर जिले के पदाधिकारी ही प्रभारी की भूमिका निभा रहे हैं।
वार्ड और बूथ प्रबंधन पर भाजपा का फोकस
निकाय चुनाव में वार्ड और बूथ प्रबंधन पर भाजपा का फोकस बरकरार है। वार्ड और बूथ की पांच सदस्यीय चुनाव समितियां गठित की जा चुकी हैं। प्रत्येक समिति में एक संयोजक और चार सह संयोजक हैं। जमीनी स्तर पर भाजपा की चुनावी मुहिम को रफ्तार देने का दायित्व वार्ड और बूथ समितियां निभाएंगी। वार्ड में भाजपा के चुनाव प्रचार से लेकर सरकार की नीतियों को घर-घर पहुंचाने का दारोमदार वार्ड और बूथ समितियों पर होगा।