(Pi Bureau)
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि इमरान को पूर्व प्रधानमंत्री के तौर पर उनके दर्जे के अनुसार सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख की उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें उन्होंने गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह द्वारा कथित तौर पर धमकी दिए जाने के बाद पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की थी।
पूर्व प्रधानमंत्री और लंदन में रह रहे पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ के बेहद करीबी सनाउल्लाह ने मार्च में कहा था कि जब सत्तारूढ़ पार्टी को लगेगा कि उसका अस्तित्व खतरे में है तो वह अपने मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ किसी भी हद तक जाएगी। उन्होंने खान पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्होंने देश की राजनीति को उस स्तर पर पहुंचा है जहां दोनों में से केवल एक (पीटीआई और पीएमएल-एन) का अस्तित्व संभव है।
कोर्ट ने पूछा- खान को कितनी सुरक्षा दी जा रही?
आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौजूदा सुरक्षा नियमों के बारे में पूछताछ की। कोर्ट ने पूछा कि खान को कितनी सुरक्षा दी जा रही है।
‘खान को इस मामले कोर्ट आने की आवश्यकता नहीं’
खान के वकील ने कोर्ट को बताया कि पिछले साल नवंबर में हत्या के प्रयास में बचे पूर्व प्रधानमंत्री कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हो सके, जिस पर चीफ जस्टिस आमिर फारूक ने कहा कि खान को इस मामले में कोर्ट आने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह केवल सुरक्षा के प्रावधान के बारे में है।
‘इमरान खान को मुहैया कराई जाएगी पर्याप्त सुरक्षा’
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने सवाल किया कि कानून में पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा के बारे में क्या कहा गया है। अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल (एएजी) मुनव्वर इकबाल दुग्गल ने कोर्ट को बताया कि पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। एएजी ने कहा कि कानून में कहा गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री के लिए सुरक्षा अधिसूचना एक विशेष राजपत्र के माध्यम से जारी की जानी चाहिए।
जस्टिस फारूक ने पूछा कि क्या खान को कोई सुरक्षा प्रदान की गई है। एएजी ने कहा कि पूर्व क्रिकेटर से राजनेता बने खान को बुलेटप्रूफ वाहन दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि 72वें संशोधन के बाद सुरक्षा का प्रावधान एक प्रांतीय मामला है। गृह मंत्रालय के एक प्रतिनिधि ने कहा कि आजीवन सुरक्षा दी जानी थी, लेकिन इसका विवरण देने वाली अधिसूचना जारी नहीं की गई थी।
उन्होंने कहा, ‘जब तक खान इस्लामाबाद में थे, उन्हें फुलप्रूफ सुरक्षा दी गई थी।’ मंत्रालय के प्रतिनिधि ने दोहराया कि खान को सुरक्षा मुहैया कराई गई है। चीफ जस्टिस ने टिप्पणी की कि कानून कानून है, और जो कहा गया है उसके अनुसार सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को उनकी हैसियत के हिसाब से सुरक्षा मिलनी चाहिए।