पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का प्रस्ताव पारित हुआ !!!

(Pi Bureau)

 

लखनऊ । भारतीय जनता पार्टी प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने बुधवार को बताया कि प्रदेश मुख्यालय पर हुई पदाधिकारी बैठक में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग के आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के ऐतिहासिक फैसले पर माननीय प्रधानमंत्री का धन्यवाद एवं अभिनंदन किया गया।

> प्रदेश अध्यक्ष सांसद केशव प्रसाद मौर्य की अध्यक्षता में हुई बैठक में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के फैसले पर प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि इस क्रांतिकारी कदम का समाज के सभी वर्गों में प्रचार-प्रसार तथा भाजपा शासित जिला पंचायत, ब्लाॅक समिति, नगर निगम, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों के द्वारा पारित कराने के लिए हम सभी को जुटना है।

> प्रस्ताव में कहा कि भारतीय जनता पार्टी माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग के आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के फैसले का स्वागत करती है। यह ऐतिहासिक सत्य है कि देश की आजादी के बाद संविधान के उद्देश्य एवं अनुच्छेद के अनुरूप कांग्रेस ने अपने शासनकाल में पिछड़े वर्ग के लिए कोई कार्य नहीं किया था।

> आजादी के बाद काका कालेकर कमीशन (1950) और मंडल आयोग (1979) के रिपोर्ट के बाद भी उसका कोई संज्ञान नहीं लिया गया। यही कारण रहा कि देश में सभी वर्गो को न्याय के पूर्ण अवसर नहीं मिलें। संसद की विभिन्न समितियों ने भी बार-बार अनुमोदन किया कि पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक आयोग का दर्जा दिया जायें।

> प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक लम्बे समय से अपेक्षित मांग को पूरा किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा देश के सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए यह एक ऐतिहासिक, न्यायपूर्ण एवं सामाजिक न्याय का महत्वपूर्ण कदम उठाया गया हैं।

> इस ऐतिहासिक फैसले से समाज के सभी पिछड़े वर्ग को न्याय मिलेगा। राष्ट्रीय सामाजिक एवं शैक्षिक पिछड़े वर्ग को अब इस आयोग के द्वारा संविधान में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के समकक्ष ही अधिकार इस आयोग को मिलेगा। एक लम्बे समय से पिछड़े वर्गों की समस्याओं के समाधान हेतु अपेक्षित मंच सरकार के इस निर्णय से उनकों प्राप्त होगा। यह आयोग संविधान के अनुच्छेद 16-4 एवं अनुच्छेद 15-4 के निहित अधिकारों का उपयोग करते हुए सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग को न्याय देगा। समाज में गरीबों एवं पिछड़े वर्गों के समतामूलक व्यवस्था देने में यह एक अभूतपूर्व कदम है जो न्यायपूर्ण भारत का निर्णय करेगा ।

 

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