भारतीय संस्कृति ने पर्यावरण सुरक्षा के लिये पेड पौधों से जुड़ना सिखाया है : राम नाईक !!!

(Pi Bureau)

 

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने गुरुवार को एनबीआरआई के प्रेक्षागृह में डाॅ0 आर एल भार्गव एवं उनके सहयोगियों द्वारा लिखित पुस्तक ‘इकोलाॅजी एण्ड इंवायरंमेंट’ का विमोचन किया। इस अवसर पर प्रो0 आलोक धवन निदेशक आईआईटीआर, डाॅ0 प्रवीर सेन गुप्ता निदेशक टेरी, पूर्व निदेशक सीडीआरआई पद्मश्री डाॅ0 नित्यानंद सहित अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं विशिष्टजन उपस्थित थे। राज्यपाल ने सलाह दी कि पुस्तक का हिंदी सहित अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी अनुवाद हो जिससे अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें।

राज्यपाल ने विमोचन के उपरान्त अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि पर्यावरण वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय विषय है। यह केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की मानव जाति के अस्तित्व से जुड़ा मुद्दा है। नैसर्गिक नियम टूट रहे हैं और मौसम में समय से पहले बदलाव हो रहा है। प्राकृतिक सम्पदाओं का दोहन एक सीमा तक होना चाहिये। 29 विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होने के नाते उन्होंने कहा कि पर्यावरण की आधारभूत जानकारी छात्रों के पाठ्यक्रम में होनी चाहिये, इस संबंध में वे कुलपतियों से चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि दृढ़ इच्छाशक्ति एवं जागरूकता से पर्यावरण में सुधार हो सकता है।

नाईक ने कहा कि भारत का इतिहास रहा है कि हमारी संस्कृति ने पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिये हमें पेड़ों व पशुओं से जुड़ना सिखाया। प्राचीन काल में वैज्ञानिक प्रगति भले ही इतनी न रही हो फिर भी पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिये तुलसी का पौधा रोपा जाता था। यह विज्ञान ने भी सिद्ध कर दिया है। आज के युग में लोगों को जैविक उत्पाद का महत्व भी समझ में आ रहा है। धरती हमारी सबसे बड़ी धरोहर है इसको बचाने के लिये सरकार के साथ-साथ नागरिक एवं सामाजिक संस्थायें आगे आयें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण सुधार के प्रति हमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।

राज्यपाल ने कहा कि बढ़ती हुयी आबादी, शहरीकरण, औद्योगिकीकरण, पेड़ों की कटान आदि से पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है जिससे तापमान का बढ़ना, जल स्रोतों का कम होना एवं जलस्तर में गिरावट आदि जैसे चिंताजनक परिणाम हमारे सामने प्रकट हो रहे हैं। महात्मा गांधी ने कहा था कि प्रकृति के पास इंसानों की जरूरत का सब कुछ है मगर उसकी लालच के लिये कुछ नहीं है। पर्यावरण सुधार में सौर ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा एक अच्छा विकल्प है। उन्होंने कहा कि हमें पर्यावरण और विकास में संतुलन बनाये रखने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में प्रो0 आलोक धवन स्वागत उद्बोधन दिया तथा डाॅ0 प्रवीर सेन गुप्ता ने पुस्तक को आज के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण एवं उपयोगी बताया। लेखक डाॅ0 आर0एन0 भार्गव ने पुस्तक के विषय में संक्षिप्त जानकारी दी तथा पुस्तक लेखन में सहयोग देने के लिये अपने सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन रवि कपूर द्वारा किया गया।

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