मध्यप्रदेश ::टाइगर पॉलिटिक्स की आग में जीतू पटवारी ने डाला घी, भाजपा नेताओं को कहा- आदमख़ोर.!!!

(Pi Bureau)

भोपाल : हाल ही में मध्य प्रदेश में हुए मंत्रीमंडल विस्तार के बाद से यहां की सियासत में घमासान मचा हुआ है। घमासान भी सिर्फ इस बात पे कि मध्यप्रदेश का टाइगर कौन है? दरअसल मंत्रिमंडल विस्तार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधियाँ ने बयान दिया थाकि टाइगर अभी जिन्दा है। यह वही डायलाग है जो शिवराज सिंह ने तब बोला था जब मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा पार्टी हार गई थी। इसी के बाद से यह सवाल पैदा हो गया कि आखिर मध्यप्रदेश का टाइगर है कौन? वहीं अब मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख जीतू पटवारी ने टाइगर पॉलिटिक्स में घी डालने का काम कर दिया है। उन्होंने खुद की टाइगर से तुलना करने वाले बीजेपी नेताओं को आदमखोर कहा दिया है।

आपको बता दें शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों अलग-अलग मौकों पर राज्य की सत्ता में वापसी करने को लेकर ‘टाइगर अभी जिंदा है’ जैसे फिल्मी डायलाग का इस्तेमाल कर चुके हैं। 2017 में सलमान खान की इसी डायलाग के साथ एक फिल्म आई थी तभी से इसका इस्तेमाल आम है, लेकिन मध्य प्रदेश में यह सियासी भाषा का हिस्सा बन चुका है।

इसी को लेकर अब कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है। जीतू पटवारी ने सोमवार 6 जुलाई को शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया की तुलना ‘आदमखोर’ से कर दी।

जीतू पटवारी कहा- शिवराज सिंह चैहान ने स्वीकार किया है कि कमलनाथ सरकार को गिराने में उनकी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका थी। यह लोकतंत्र की हत्या थी। चार महीने तक कोरोना संकट के दौरान राज्य में सिर्फ एक मुख्यमंत्री था और कोई कैबिनेट नहीं। अब कैबिनेट का विस्तार किया गया है लेकिन मंत्रियों को विभागों का आवंटन नहीं किया गया है। खुद को टाइगर कहने वाले लोग सियार की तरह काम कर रहे हैं। इस राज्य के लोग इन आदमखोरों को सबक सिखाएंगे।

जीतू पटवारी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि- लोकतंत्र का चीरहरण कर पीछे के रास्ते से मुख्यमंत्री बने। 100 दिन बाद पूरा मंत्रिमंडल बनाया लेकिन आज तक विभाग का बंटवारा नहीं और अपने आप को टाइगर कहते है…हरकत तो सियार जैसी करते हैं। लोकतंत्र के इन “आदमखोर” टाइगरों को जनता सबक सिखायेगी।

About Politics Insight