(Pi Bureau)
सेवा का उत्तम भाव तुम्हारा,
निस्वार्थ है बहाव तुम्हारा
बिना भेदभाव के ख्याल रखती हो,
है जनमानस से लगाव तुम्हारा।
हर साल 12 मई यानी आज के दिन अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। साल 1820 में इसी दिन, फ्लोरेंस नाइटिंगेल, दुनिया की सबसे प्रसिद्ध नर्स का जन्म हुआ था। वह एक इंग्लिश नर्स, एक समाज सुधारक और एक स्टैटस्टिशन थीं, जिन्होंने आधुनिक नर्सिंग के प्रमुख स्तंभों की स्थापना की।
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस उनके लिए हमारी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करने का एक शानदार अवसर है।
आज दुनियाभर के ज़्यादातर देश कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस, इस भयंकर महामारी के बीच, ख़ास महत्व रखता है। नर्स अस्पतालों और क्लीनिकों की रीढ़ की हड्डी होती हैं, जो अपनी जान जोखिम में डालकर महीनों तक कोविड-19 के लाखों मरीज़ो की देखभाल करती हैं। समय से दवा और खाना-पानी उपलब्ध कराने के साथ मरीजों का मनोबल भी बढ़ा रही हैं। हंसाने की कोशिश कर रही हैं। चुटकुले और गाने भी सुनाती हैं। हॉस्पिटल में मरीजों के लिए अपनों से बढ़कर सेवा दे रही हैं। उद्देश्य यह है कि हर मरीज ठीक होकर अपने घर पहुंच जाए। नर्स कोरोना काल में खुद अपने घर नहीं पहुंच रही हैं, कोई घर से आता-जाता भी है तो परिवार के सदस्यों से खुद को बिल्कुल अलग कर रखा है।
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस का महत्व
कोविड-19 महामारी से लड़ने में नर्सें सबसे आगे हैं। डॉक्टर्स और दूसरे हेल्थ केयर वर्क्स की तरह नर्सें भी बिना आराम किए लगातार मरीज़ों की देखभाल कर रही हैं। नर्स एकमात्र स्वास्थ्य पेशेवर होते हैं, जिन्हें लोग अक्सर संकट की स्थिति में देखते हैं। WHO के अनुसार, ” दुनिया के सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में आधे से अधिक योगदान नर्सों का है, फिर भी दुनिया भर में 5.9 मिलियन (2020) नर्सों की तत्काल कमी है, विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में नर्सों की अभी भी ज़रूरत है।”