प्रयागराज:: SP एमएलसी डा. मान सिंह 40 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार, दबाव पड़ने पर….!!!

(Pi Bureau)

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सपा एमएलसी डॉ. मान सिंह यादव और सपा जिलाध्यक्ष योगेश यादव को पुलिस ने छोड़ दिया है. जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में खरीद-फरोख्त के आरोप में इन्हें मेजा थाने में बिठाया गया था. सपा नेताओं का आरोप है कि पुलिस ने जबरन रोककर रात भर थाने में बिठाए रखा. दरअसल एमएलसी डॉ. मान सिंह यादव को टिकरी के पास एक ढाबे के पास वाहन चेकिंग के दौरान रोका गया था. उनकी गाड़ी से 40 लाख रुपये बरामद हुए थे.

पुलिस के अनुसार सपा नेता के मुताबिक ये रुपये हंडिया के एक व्यापारी संजय कुमार के हैं. मेजा थाने में सपा एमएलसी को बैठाने के बाद जिला अध्यक्ष योगेश यादव समेत सैकड़ों सपा कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव किया था. वहीं, दोनों सपा नेता आज मेजा थाने से छोड़े जाने के बाद जॉर्ज टाउन सपा कार्यालय पहुंचे.

वहीं, बरामद रुपयों को लेकर पुलिस का कहना है कि सपा एमएलसी की गाड़ी से बरामद रुपये को लेकर विधिक कार्रवाई की जा रही है. पुलिस ने रुपयों की जानकारी उच्च अधिकारियों और इनकम टैक्स विभाग को भी दे दी है.

बता दें प्रयागराज में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 3 जुलाई को मतदान होना है. यमुनापार इलाके में जिला पंचायत सदस्यों की खरीद-फरोख्त की सूचना पर मेजा थाना पुलिस ने सपा एमएलसी डॉ. मान सिंह यादव और सपा जिलाध्यक्ष योगेश यादव को थाने में बैठा लिया. पुलिस के मुताबिक, दोनों नेताओं के पास से 40 लाख रुपये भी बरामद हुए. डीआईजी/एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने बताया कि दोनों ही नेता रंगे हाथ पकड़े गए. आयकर विभाग को भी सूचना दी गई है ताकि पैसों के सोर्स का पता लगाया जा सके. वहीं, दूसरी तरफ सपा कार्यकर्ताओं ने सत्ता के दबाव में मेजा पुलिस पर सपा नेताओं को जबरन थाने में बैठाने का आरोप लगाया. सपा के कई नेता मेजा थाने पर पहुंच गए.

फूलपुर से पूर्व सांसद नागेन्द्र प्रताप सिंह पटेल, शहर पश्चिमी विधानसभा अध्यक्ष अभिमन्यु सिंह पटेल, जिला पंचायत सदस्य नेपाल सिंह पटेल, सपा नेता रमाकांत सिंह पटेल समेत सैकड़ों समर्थकों के साथ थाने पर डटे रहे. सपा नेता और कार्यकर्ता पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए थाने का घेराव करते रहे.

बीजेपी और सपा में है सीधा मुकाबला

गौरतलब है कि प्रयागराज में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी मालती यादव और बीजेपी के डॉक्टर वीके सिंह के बीच सीधा मुकाबला है. जिले में जिला पंचायत की कुल 84 सीटें हैं. लेकिन दोनों ही दलों के पास बहुमत नजर नहीं आ रहा है. हालांकि दोनों ही दल 50 से ज्यादा जिला पंचायत सदस्यों के समर्थन का दावा करते हुए अपनी जीत बता रहे हैं. यही वजह है कि जिला पंचायत सदस्यों की खरीद-फरोख्त की बात सामने आ रही है.

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