मायावती का केंद्र सरकार पर हमला:: कहा- ऑक्सीजन की कमी से मौतें न होने का दावा दुर्भाग्यपूर्ण !!!

(Pi Bureau)

केंद्र सरकार ने पिछले दिनों राज्यसभा में बताया कि देश के कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान किसी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में विशेष रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत का कोई भी मामला सामने नहीं आया. लेकिन दूसरी लहर के दौरान मेडिकल ऑक्सीजन की मांग में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई. सरकार के इस बयान के बाद विपक्ष हमलावर है. कांग्रेस समेत तमाम दल सरकार के इस दावे पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

इसी क्रम में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सवाल उठाते हुए चिंता जताई है कि ऐसे मिथ्या बयानों से जनता में केन्द्र के प्रति अविश्वास भी पैदा हो रहा है कि आगे कोरोना की तीसरी लहर अगर आई तो क्या होगा? ऑक्सीजन की कमी से मौतें नहीं होने का दावा करना अति दुर्भाग्यपूर्ण व अति-दुःखद.

बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट किया है, “भारत में ऑक्सीजन की कमी से कोरोना की दूसरी लहर में खासकर जो अफरातफरी व मौतें आदि हुईं. तो उससे निपटने के लिए केन्द्र सरकार को विदेशी सहायता तक भी लेनी पड़ी. यह किसी से भी छिपा नहीं है. फिर भी ऑक्सीजन की कमी से मौतें नहीं होने का दावा करना अति दुर्भाग्यपूर्ण व अति-दुःखद.”

उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है, “ऐसे मिथ्या बयानों से जनता में केन्द्र के प्रति अविश्वास भी पैदा हो रहा है कि आगे कोरोना की तीसरी लहर अगर आई तो क्या होगा? जबकि केन्द्र एवं राज्य सरकारों की भी प्राथमिकता व उत्तरदायित्व जनता के प्रति शत-प्रतिशत होना चाहिए व राजनैतिक एंव सरकारी स्वार्थ के प्रति कम.”

बता दें राज्यसभा में सवाल- क्या दूसरी लहर में ऑक्सीजन की भारी कमी के कारण सड़कों और अस्पतालों में बड़ी संख्या में कोविड ​​​​-19 मरीजों की मौत हुई? के जवाब में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लिखित जवाब में कहा, “इसके अनुसार, सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नियमित तौर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को मामलों और मौतों की रिपोर्ट देते हैं. हालांकि, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से ऑक्सीजन की कमी के कारण विशेष रूप से किसी भी मौत की सूचना नहीं दी गई है.”

मायावती ने कहा कि भारत सरकार ने अप्रैल-मई 2021 के दौरान देश में कोविड-19 के मामलों में तेजी से हुई बढ़ोतरी के चलते मरीजों मेडिकल ​​​​देखभाल सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा ऑक्सीजन, और अन्य उपभोग्य सामग्रियों सहित राज्यों का समर्थन किया है और कई कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि “हालांकि, दूसरी लहर के दौरान चिकित्सा ऑक्सीजन की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि के कारण देश में मांग लगभग 9000 मीट्रिक टन तक पहुंच गई, जो कि पहली लहर में 3095 मीट्रिक टन थी. ऐसे में राज्यों को समान वितरण की सुविधा के लिए कदम उठाना पड़ा.

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