(Pi Bureau)
मध्यप्रदेश का रानी कमलापति रेलवे स्टेशन देश का पहला विश्वस्तरीय मॉडल स्टेशन है, जहां अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की तर्ज पर यात्रियों को सभी सुविधाएं मुहैया कराई गईं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार यानी आज इस स्टेशन का उद्घाटन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित किया।
जानिए प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के संबोधित में क्या कही बातें:-
मोदी ने कहा कि बीते सात वर्षों में हर साल औसतन ढाई हजार किमी ट्रैक कमीशन किया गया है। इससे पहले के वर्षों में यह 1500 किमी के आसपास ही होता था। रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण की रफ्तार पांच गुना तक बढ़ गई है। देश के मजबूत होते रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर का लाभ किसानों, छात्रों, व्यापारियों और उद्यमियों को होता है। अब किसान रेलवे के जरिए अपनी उपज देश के कोने-कोने में भेज सकते हैं, रेलवे उन्हें इसमें छूट भी दे रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय रेलवे की स्थिति एक समय में इतनी बिगड़ गई थी कि लोगों ने इस बात को मान लिया था कि इसमें सुधार नहीं होने वाला और सुधार की उम्मीदें छोड़ दी थीं। लेकिन जब देश ईमानदारी से संकल्पों की सिद्धि से जुड़ता है तो सुधार आता ही आता है, परिवर्तन होता ही होता है। यह हमने बीते वर्षों में लगातार देखा है।
पहले लोग रेलवे को केवल कोसते थे: मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सपने किस तरह सच होते हैं भारतीय रेलवे इसका उत्तम उदाहरण बन रहा है। छह-सात साल पहले जिसका पाला रेलवे से पड़ता था वह इसे कोसते हुए ही नजर आता था। स्टेशनों पर गंदगी, ट्रेनों की लेटलतीफी, स्टेशनों पर बैठने और खाने पीने की असुविधा, सुरक्षा की भी चिंता व दुर्घटना का डर जैसी समस्याएं थीं।
आने वाले समय के लिए खुद को तैयार कर रहा देश: मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ देश आने वाले वर्षों के लिए खुद को तैयार कर रहा है। आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए रिकॉर्ड निवेश को कर ही रहे हैं यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि ये काम समय से पूरे हों। उन्होंने कहा कि बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत को समझा जा रहा है और इसके लिए निवेश भी बढ़ाया जा रहा है।
प्लानिंग के साथ समय पर काम पूरा करने पर जोर: मोदी
मोदी ने कहा कि एक समय था जब रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को ड्राइंग बोर्ड से जमीन पर उतरने में सालों-साल लग जाते थे। मेरे सामने कई प्रोजेक्ट ऐसे आए जो 35 साल पहले घोषित कर दिए गए थे लेकिन अभी तक पूरे नहीं हो पाए। रेलवे में जितनी जल्दी नए प्रोजेक्ट की प्लानिंग की है उतनी ही गंभीरता उन्हें समय पर पूरा करने की भी है।