Pi Health::अगर आपको भी हैं खर्राटों की समस्या, तो जल्दी से जानिए इसके कारण और निजात पाने के तरीके !!!

(Pi Bureau)

खर्राटे लेने वाला व्यक्ति कभी इस बात से सहमत नहीं होता कि वो खर्राटे लेता है। असल में नींद की उस स्थिति में अक्सर उसे इस बारे में पता ही नहीं चलता। लेकिन कई बार खर्राटों की ये आवाज़ इतनी तेज होती है कि खुद व्यक्ति की नींद टूट जाती है। यह स्थिति महिला-पुरुष दोनों के साथ हो सकती है। अक्सर लोग इस समस्या को उम्र के साथ जोड़कर देखते हैं। लोगों को लगता है कि खर्राटे तो उम्र बढ़ने पर होने वाली सामान्य प्रक्रिया है, इसीलिए अक्सर खर्राटों को लेकर मजाक भी किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खर्राटे आपके लिए जानलेवा स्थिति भी बना सकते हैं?

आमतौर पर खर्राटों को अच्छी नींद का प्रतीक माना जाता है। लोग आपको कहते भी मिल जाएंगे कि खर्राटे लेने वाला अच्छी नींद सो रहा है। पर असल में तेज खर्राटों वाली नींद गहरी और अच्छी नींद नहीं होती, बल्कि यह पूरे स्वास्थ्य के लिए खतरा भी बन सकती है। 

क्यों आते हैं खर्राटे?

खर्राटों की इस समस्या के पीछे कई वजहें हो सकती हैं। इनमें अधिक वजन या मोटापा, ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया यानी सोते समय सांस लेने में बाधा, नाक, मुंह या गले का बिगड़ा स्ट्रक्चर, अनिद्रा, किसी प्रकार की एलर्जी, रूटीन में असंतुलन, शराब और सिगरेट का ज्यादा सेवन, सोने का गलत पॉश्चर और गले या नाक सम्बन्धी कोई बीमारी हो सकती है। खर्राटे लेने वाले के साथ जो भी व्यक्ति सोता है उसके लिए नींद पूरी कर पाना कठिन हो जाता है। 

गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं खर्राटे 

खर्राटे सीधे आपकी सांस लेने की स्थिति में बाधा डालते हैं। जब सांस व्यवस्थित नहीं होती तो शरीर के हर अंग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती और दिल, दिमाग जैसे महत्वपूर्ण अंग मुश्किल में आ जाते हैं। ऐसी स्थिति भी आ सकती है कि बीच में कुछ सेकेंड्स के लिए सांस रुक भी जाए, यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है। अगर आप भी नींद में खर्राटे की समस्या से परेशान हैं तुरन्त इस बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।  

कई बार खर्राटों की समस्या से बचने के लिए लोग घरेलू उपायों या ओवर द काउंटर दवाइयों का उपयोग करते हैं, जो मुश्किल भी पैदा कर सकती है। आजकल बाजार में कई तरह की नोज़ स्ट्रिप्स, स्प्रे,गोलियां आदि मिलते हैं, जिनका बिना प्रिस्क्रिप्शन उपयोग जान से खिलवाड़ करना हो सकता है। हालांकि सोते समय कुछ बातों को ध्यान में रखकर खर्राटों को कम किया जा सकता है।

सोने की पोजिशन बदलना। करवट लेकर सोना फायदेमंद हो सकता है। 

बाज़ार में मिलने वाले शरीर की लम्बाई जितने बड़े तकिए का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है। ये एक करवट सोने में सहायता करते हैं।

सिर ऊंचा करके सोने का अभ्यास करें। इससे भी सांस लेने में आसानी होगी और खर्राटों को कम किया जा सकता है।

यह उपाय करना हो सकता है फायदेमंद

नियमित एक्सरसाइज और सही खान पान से अपने वजन को संतुलित रखें। इससे गले के उन ऊतकों को घटाने में मदद मिलेगी जो खर्राटों का कारण बनते हैं।

अपनी इम्युनिटी को मजबूत बनाकर एलर्जी के हमलों से सुरक्षित रहें। बार-बार होने वाली एलर्जी सांस लेने में समस्या बनती हैं। इसका इलाज भी जरूर करवाएं।

अपने बेडरूम को साफ-सुथरा और कम से कम सामान रखें। 

गरिष्ठ भोजन, मांसाहार और शराब, सिगरेट से दूरी बनाएं।

शरीर को हाइड्रेट रखें, खूब पानी पिएं। इससे गले और नाक में पर्याप्त मॉइश्चर बना रहेगा।

अगर नाक की हड्डी का शेप किसी वजह से बिगड़ा है तो उसका इलाज करवाएं।

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