सुनील जाखड़ के पार्टी छोड़ने पर भावुक हुए हरीश रावत, बोले- कांग्रेस ने उन्हें कभी इग्नोर नहीं किया न ही करेगी….!!!

(Pi Bureau)

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सुनील जाखड़ के कांग्रेस छोड़ने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस के ‘नव संकल्प शिविर’ में शामिल होने उदयपुर पहुंचे हरदा ने कहा कि सुनील जाखड़ को पार्टी ने कभी इग्नोर नहीं किया, नाही कभी करेगी. फैसला उनके हाथ में है कि वह कांग्रेस में रहना चाहते हैं या छोड़ना चाहते हैं. पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने 14 मई को फेसबुक लाइव आकर कांग्रेस को अलविदा कहा था. उन्होंने आलाकमान पर अंबिका सोनी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था.

इससे पहले पंजाब के पूर्व प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने सुनील जाखड़ द्वारा अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को लेकर कहा था,’उन्हें इस्तीफा देने से पहले सोनिया गांधी से मिलकर अपनी बाम रखनी चाहिए थी. ऐसा हो नहीं सकता की उनकी बात नहीं सुनी जाए. उन्हें अपनी बात उचित ढंग से रखनी चाहिए थी. वह पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं. सोशल मीडिया के माध्यम से आरोप लगाए गए हैं. मैं उनके आरोपों का कोई जवाब देना नहीं चाहता. पंजाब चुनाव के दौरान जाखड़ का जो व्यवहार रहा, उससे ज्यादा डैमेज उनके पार्टी छोड़कर जाने से नहीं हुआ.

कांग्रेस ने सुनील जाखड़ को इतना कुछ दिया: रावत

हरीश रावत ने कहा था कि पार्टी ने उन्हें विपक्षी दल का नेता बनाया. वह पंजाब कांग्रेस के प्रधान रहे. इसके बाद पार्टी ने उन्हें कैंपेन कमेटी का चेयरमैन बनाया. उन्हें इतना कुछ दिया. अगर कांग्रेस का साधारण कार्यकर्ता भी पार्टी छोड़कर जाता है तो तकलीफ होती है. इस वक्त पार्टी के लिए परीक्षा का समय है. परीक्षा की घड़ी में छोड़कर नहीं जाना चाहिए. पंजाब को लेकर जो भी फैसले किए गए, उनमें भी सुनील जाखड़ शामिल थे. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने अनुशासिनक कार्रवाई करते हुए सुनील जाखड़ को सभी पदों से हटा दिया था.

सुनील जाखड़ ने हरदा पर लगाए थे गंभीर आरोप

आपको बता दें कि सुनील जाखड़ ने 14 मई को अपने फेसबुक लाइव में हरीश रावत पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था, ‘कैप्टन अमरिंदर सिंह को डिस्टेबलाइज करने के लिए हरदा को भेजा गया था. यह तो विरोधियों का काम होता है. पंजाब और उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार बनने की उम्मीद थी. क्या हुआ? वहां के मुख्यमंत्री उम्मीदवार हरीश रावत का एक पैर पंजाब और दूसरा देहरादून में था. चुनाव के दिन तक. हरीश रावत क्या सोच लेकर पंजाब आए थे? क्या उनकी मंशा थी कि हम तो डूबेंगे सनम, तुमको भी ले डूबेंगे. अगर हरीश रावत हारे हैं तो यह डिवाइन जस्टिस है. वह यही डिजर्व करते थे. पंजाब में कांग्रेस की दुर्गति में हरीश रावत का बहुत बड़ा रोल है.’

अंबिका सोनी ने कांग्रेस का बेड़ा गर्क किया: जाखड़

कांग्रेस नेता अंबिका सोनी पर भी सुनील जाखड़ ने सीधा हमला बोला. उन्होंने कहा कि अंबिका सोनी ने कांग्रेस का बेड़ा गर्क कर दिया. कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘चिंतिन शिविर से कुछ नहीं होगा. पार्टी में खुद सुधार करना होगा. चिंतन नहीं, चिंता करने की आवश्यकता है. मेरे परिवार की तीन पीढ़ियों ने 50 साल तक कांग्रेस की सेवा की. इसके बावजूद पार्टी लाइन पर नहीं चलने के लिए पार्टी के सभी पदों को छीन लिए जाने से मेरा दिल टूट गया.’ आपको बता दें कि चरणजीत सिं​ह चन्नी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने से सुनील जाखड़ नाराज थे. पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान ही उनके बगावती सुर सुनाई देने लगे थे.

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