राजधानी के तालाबों को पुनर्जीवित करने की योजना पर दिल्ली सरकार काम कर रही है। पहले फेज में करीब 200 तालाबों को लबालब किया जाएगा। फिलहाल उत्तर पूर्वी दिल्ली के 12 तालाबों पर काम की शुरूआत भी हो गई है।
अधिकारियों की मानें तो अभी प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार हो रही है। अगले दो महीने में जमीन पर भी काम शुरू हो जाएगा। जिन 200 तालाबों को पहले फेज में पुनर्जीवित किया जा रहा है उनमें 20 सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के हैं।
बाकी तालाबों को पुनर्जीवित करने का जिम्मा जल बोर्ड पर होगा। तालाबों के लबालब होने से भूजल स्तर में सुधार आने की दिल्ली सरकार को उम्मीद है।
दिल्ली सरकार का मानना है कि जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने से दोहरा फायदा मिलेगा। एक तो भूजल स्तर में सुधार होगा। वहीं, सिंचाई आदि के लिए पानी की जरूरतें भी पूरी की जा सकती हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, फिलहाल एक सरकारी कंपनी को तालाबों का सर्वे करके डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया है। कंपनी हर महीने छह तालाबों की डीपीआर सरकार को सौंपेगी। उसके बाद दिल्ली जल बोर्ड या सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग अपने-अपने अधीन तालाबों को पुनर्जीवित करेगा।
तीन तरीकों से भरे जाएंगे तालाब
अधिकारी बताते हैं कि तालाबों को मुख्यत: बारिश के पानी से भरा जाएगा। डिजाइन कुछ इस तरह की होगी, जिससे बारिश का अधिकतम पानी तालाब तक पहुंचे। इसके अलावा तालाब के नजदीक से कोई नाला गुजर रहा है तो उसका पानी शोधित करके तालाब तक पहुंचाया जाएगा। वहीं, बरसाती नाले भी तालाबों की तरफ मोड़े जाएंगे।
खतरनाक स्तर पर है दिल्ली का भूजल स्तर
केंद्रीय भूजल बोर्ड की एक रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली का भूजल स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है। हर साल अलग-अलग इलाकों में .5 से 2 मीटर तक गिरावट दर्ज की जा रही है। सबसे बुरी हालत दक्षिणी दिल्ली, दक्षिण पूर्वी दिल्ली, नई दिल्ली, शाहदरा और उत्तर पूर्वी दिल्ली में है। यह इलाके रेड जोन में शामिल हैं। दिल्ली के 90 फीसदी इलाके का भूजल स्तर या तो खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है या फिर उसके नजदीक है।