मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फूड कमिश्नर के 2.93 लाख राशन कार्ड रद्द करने के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। मुख्यमंत्री का मानना है कि खाद्य मंत्री इमरान हुसैन के एतराज के बावजूद भी इस तरह का फैसला लेना ज्यादा गंभीर मसला है।
केजरीवाल ने इसे संवेदनहीन अधिकारियों की तरफ से गरीब दिल्लीवालों के खिलाफ जानबूझकर उठाया गया कदम बताया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि 2.93 लाख राशन कार्ड करने के मसले में अधिकारी कोई ठोस वजह नहीं बता पा रहे हैं।
फिर, इमरान हुसैन की आपत्तियों को भी दरकिनार किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस फैसले को गरीब लोगों को राशन न देने की अधिकारियों की साजिश बताया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि चूंकि अधिकारी मंत्रियों को रिपोर्ट नहीं कर रहे हैं, लिहाजा वह दिल्लीवालों के खिलाफ काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री सचिवालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा है कि खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी 2.93 लाख राशन कार्ड रद्द करने का सामाजिक प्रभाव नहीं देख रहे हैं।
इससे करीब 10 लाख लाभार्थी प्रभावित होंगे
इससे करीब 10 लाख लाभार्थी प्रभावित होंगे। मुख्यमंत्री ने लाखों राशन कार्ड धारकों को राशन से दूर करने के लिए पूरी तरह से खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों जिम्मेदार ठहराया है।
गौरतलब है कि खाद्य आपूर्ति विभाग ने अप्रैल से अब तक राशन लेने नहीं लेने वाले कार्ड धारकों का राशन कार्ड रद्द कर दिया है। यह आंकड़ा करीब 2.93 लाख है। इसकी दूसरी वजह बायोमैट्रिक वेरीफिकेशन नहीं होना है।
संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री ने इस पर आपत्ति जताई है। साथ ही कहा है कि इसका इलाज डोर स्टेप डिलिवरी ऑफ राशन योजना में है। दिल्ली सरकार इस योजना को लागू करने के लिये प्रतिबद्ध है।
राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया सरकार शुरू करें : गुप्ता
विधानसभा नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सरकार से मांग की है कि 2.5 लाख रद्द किए गए फर्जी राशन कार्डों की जगह नये कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू करें।
गुप्ता ने कहा कि मंडावली में तीन बच्चियों की भूख से हुई मौत से सबक लेते हुए राशन कार्ड का इंतजार कर रहे लाखों गरीब परिवार को राहत दे।
उन्होंने कहा कि एक लाख से भी अधिक कमजोर वर्गों के परिवार सरकार को नये राशन कार्ड बनवाने के लिए अर्जी दिए हुए है। लम्बे समय सस्ती दरों पर राशन प्राप्त करने की आस लगाए बैठे हैं।
सरकार जल्द से जल्द राशन कार्ड बनाकर इन्हें सस्ती दरों पर खाद्यय सामग्री उपलब्ध कराना शुरू करे। राशन कार्ड नहीं होने के कारण लाखों परिवार को सरकारी मूल्य पर दिये जाने वाले गेहूं, चीनी और चावल सस्ते दर पर नहीं मिल पा रहा है।