दिल्‍ली-एनसीआर में रहने वालों के लिए बड़ी खबर, जल्‍द ही जाम से पाएंगे छुटकारा

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों को अगले वर्ष जाम से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। दिल्ली-एनसीआर की प्रमुख सड़क परियोजनाएं मार्च-अप्रैल तक पूरी हो जाएंगी। इससे बाहरी वाहनों का दबाव कम होने के साथ ही वाहनों की बेरोकटोक आवाजाही से पूरे एनसीआर को ध्वनि एवं वायु प्रदूषण की समस्या से काफी हद तक निजात मिल जाएगी।

दिल्ली-एनसीआर को जाम से निजात दिलाने वाले अनेक प्रमुख रास्ते अगले वर्ष मार्च या अप्रैल में यातायात के लिए खुल जाएंगे। इनमें ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे को पहले ही पूरा कर अप्रैल में यातायात के लिए खोला जा चुका है। जबकि इसका जोड़ीदार वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे, जो बारह सालों से बन रहा है, भी चालू हो जाएगा। अगले महीने इसके उद्घाटन की संभावना है।

ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे 
पलवल -मानेसर खंड को अप्रैल, 2016 में ही यातायात के लिए खोला जा चुका है। अब केवल मानेसर-कुंडली खंड को पूरा किया जा रहा है। ईस्टर्न और वेस्टर्न दोनो एक्सप्रेसवे के पूर्ण होने पर दिल्ली के चारों ओर एक्सप्रेसवे का एक गोलाकार रिंग बन जाएगा जो अवांछित बाहरी वाहनों से राजधानीवासियों की रक्षा करेगा।

अकेले ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे चालू होने से दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों की संख्या में 30 फीसद की कमी आ गई है। वेस्टर्न एक्सप्रेसवे के चालू होने पर इसके बढ़कर 60 प्रतिशत हो जाने की संभावना है।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे
दिल्ली में जाम की बड़ी वजह माने जाने वाले एनएच-9 (पुराना एनएच-24) का निजामुद्दीन-यूपी गेट तक का हिस्सा पहले ही दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के साथ चौड़ा हो चुका है। अप्रैल में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन कर चुके हैं।

अब इसके यूपी गेट-डासना, डासना-मेरठ और डासना-हापुड़ के बकाया तीन हिस्सों पर काम चल रहा है। इनमें डासना-हापुड़ का हिस्सा अगले दो महीने में नवंबर तक ही पूरा कर लिया जाएगा। जबकि यूपी गेट-डासना व डासना-मेरठ के हिस्से अगले वर्ष मार्च तक पूरे होंगे। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इसकी घोषणा कर चुके हैं।

एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आरपी सिंह भी इसकी ताकीद करते हैं। दिल्ली से मेरठ और लखनऊ जैसे प्रमुख नगरों के रास्ते चौड़े होने से वाहनों की रफ्तार बढ़ने के साथ-साथ जाम व प्रदूषण से राहत मिलेगी।

दिल्ली-आगरा हाईवे सिक्स लेनिंग 
इसके अलावा 180 किलोमीटर लंबे दिल्ली-आगरा हाईवे की सिक्स लेनिंग का कार्य भी मार्च तक पूरा हो जाने के आसार हैं। इसके बीच-बीच के अधूरे पैच को बरसात के बाद पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है। 2012 में प्रारंभ हुआ यह प्रोजेक्ट मंथर गति से बढ़ते-बढ़ते अब पूरा होने की कगार पर है। इसे 2015 में ही पूरा हो जाना था। कई चेतावनियों के साथ एनएचएआइ इसके पूरा होने की तिथि को कई बार आगे बढ़ा चुका है।

दिल्ली-पानीपत हाईवे चौड़ीकरण 
एनएच-44 पर दिल्ली से पानीपत तक छह लेन की सड़क को 12 लेन में बदलने के कार्य ने भी बीच की कुछ सुस्ती के बाद अब रफ्तार पकड़ ली है। इसके अगले वर्ष अप्रैल में पूरा होने की संभावना है। इस प्रोजेक्ट का प्रधानमंत्री मोदी ने नवंबर, 2015 में शिलान्यास किया था। कुंडली में हाईवे के साथ ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के मिलान संबंधी कार्यो के भी तब तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।

अन्य कार्य 
गुड़गांव में एनएच-48 पर हीरो होंडा चौक और राजीव चौक को जाम मुक्त बनाने के लिए फ्लाईओवर और अंडरपास के ज्यादातर कार्य पूरे हो चुके हैं। केवल एमजी रोड अंडरपास का कार्य बाकी है। जहां तक राजधानी की बात है तो सुस्ती को देखते हुए गडकरी ने धौला कुआं अंडरपास के कार्य को मई तक पूरा करने के लिए एनएचएआइ को कहा है। दिल्ली सरकार भी राव तुलाराम फ्लाईओवर के साथ बन रहे फ्लाईओवर को जल्द पूरा करने में जुटी है।

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