दिल्ली HC सख्त: शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए सरकार को तुरंत कदम उठाने के दिए निर्देश

हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार व दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) को  सरकारी और निगम के स्कूलों में खाली पड़े शिक्षकों के पदों को जल्द भरने का निर्देश दिया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राजधानी के सरकारी स्कूलों में करीब 33 हजार पद खाली हैं।

जस्टिस सिद्घार्थ मृदुल की पीठ ने कहा कि इस संबंध में सरकार व बोर्ड की ओर से की गई कार्यवाही की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया जाए। मामले की अगली सुनवाई चार मार्च 2019 को होगी। हाईकोर्ट ने यह निर्देश एनजीओ सोशल जूरिस्ट की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। एनजीओ की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने कहा था कि आठ सालों से राजधानी के निगम व दिल्ली सरकार के स्कूलों में 33 हजार से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। इनमें विशेष शिक्षकों के 2190 पद भी शामिल हैं। इन स्कूलों में खाली पदों की संख्या कुल स्वीकृत संख्या का 50 फीसदी है।

याची के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि हाईकोर्ट के 20 दिसंबर 2001 के निर्णय के मुताबिक किसी भी शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में किसी भी स्कूल में अध्यापक का एक भी पद खाली नहीं होना चाहिए। इसके बाद भी स्कूलों में 50 फीसदी पद आठ साल से खाली हैं। डीएसएसएसबी ने तीन मई को सुनवाई के दौरान कहा था कि अगस्त तक 17 हजार पदों को भर दिया जाएगा। बोर्ड ने बृहस्पतिवार को कोर्ट को बताया कि काफी पदों पर नियुक्ति जल्द कर दी जाएगी। 

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