सत्र के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर मिर्ची पाउडर फेंकने और भाजपा पर चुनाव आयोग से मिलकर मतदाता सूची से नाम कटवाने के आरोप जैसे मुद्दे छाए रहेंगे। सत्ता पक्ष विजय देव को मुख्य सचिव बनाए जाने पर भी केंद्र सरकार को निशाने पर लेगा।
उधर, कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर मिर्ची हमले को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। पार्टी ने कहा कि सरकार के पास दिल्ली की समस्याओं के लिए वक्त नहीं है। ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा नहीं कराकर सरकार दिल्ली की जनता के साथ धोखा कर रही है।
प्रदेशाध्यक्ष अजय माकन ने विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को लिखे पत्र में कहा है कि यह दिल्ली में जानलेवा प्रदूषण, गैरकानूनी सीलिंग, डेंगू और बिगड़ती कानून-व्यवस्था जैसे ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करने का वक्त है, न कि मिर्ची कांड पर। अजय माकन ने व्यक्तिगत मुद्दों को लेकर सत्र की अनुमति नहीं देने की मांग उठाई।
उनका कहना है कि मैं खुद विधानसभा अध्यक्ष रहा हूं और हमेशा सदन की गरिमा बनाए रखी। कभी भी किसी व्यक्ति विशेष के लिए सत्र नहीं बुलाया। कांग्रेस के 15 वर्ष के कार्यकाल में केवल 3 बार विशेष सत्र बुलाया गया, जबकि आप सरकार साढ़े तीन वर्ष से अधिक के कार्यकाल में 15 विशेष सत्र बुला चुकी है। इससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंचती है और जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा भी बर्बाद होता है।