समीक्षा: जवानी कुर्बान करने वाले नेताओं की 20 वोट की भी हैसियत नहीं!

(Pi Exclusive)
Shashwat Tewari

अभी हाल मे हुए विधानसभा मे बुरी तरह से मात खाने के बाद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता हार की समीक्षा करने लगे हैं। समीक्षा दो स्तरों पर हो रही है। अखिलेश के समर्थक इस हार का कारण शिवपाल यादव समर्थक नेताओं द्वारा भीतरघात और उनके बहकावे मे आकर नेताजी का प्रचार के लिए न निकलना बता रहे हैं । वहीं दूसरी ओर शिवपाल समर्थक नेता इस हार के लिए पूरी तरह से अखिलेश यादव को जिम्मेदार मान रहे हैं। उनका कहना है कि जवानी कुर्बान करने वाले नेताओं के पास 20 वोट की हैसियत नहीं है। अपना बूथ जिताने की हैसियत नहीं है। खुद प्रधानी जीतने की हैसियत नहीं है। उनके भरोसे अखिलेश यादव कैसे चुनाव जीत सकते थे। इसके अलावा समाज मे इन नेताओं ने समाजवादी पार्टी को हुड़दंग बाजो की पार्टी बना कर रख दी। अपने से उम्र मे बड़े नेताओं को इन लोगों ने इज्जत नहीं दी। यह हार उसी कर परिणाम है। इसी परिप्रेक्ष्य मे आज सपा के पूर्व प्रवक्ता सी पी राय ने भी हार के कारणों पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि जिन नेताओं को शिवपाल सिंह , मुलायम सिंह ने टिकट दिया था, उसमें से अधिकांश नेता चुनाव जीत गए। जौनपुर का उदाहरण देते हुए उन्होने कहा कि यदि पारसनाथ यादव के पक्ष मे आखिरी क्षणों मे मुलायम सिंह प्रचार करने के लिए न जाते, तो वह भी चुनाव हार जाते। वहीं कैंट विधानसभा मे उनकी बहू अपर्णा यादव के चुनाव हारने के कारणों पर उन्होने प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि इस विधानसभा मे सपा का कोई जनाधार ही नहीं है, फिर वह चुनाव कैसे जीतती। हार को नहीं पचा पा रहे दोनों गुटों के नेता अखिलेश और शिवपाल को भड़का भी रहे हैं। जहां शिवपाल गुट के नेता उन्हे आगे बढ़ कर पार्टी की कमान संभालने को कह रहे हैं। वहीं अखिलेश गुट के नेता अखिलेश को यह सलाह दे रहे हैं कि यह हार शिवपाल की वजह से हुई है। यदि वे कलह न करते, तो आज यह गति पार्टी की न होती। इसलिए अब जितना नुकसान होना था, हो चुका है। अब उनसे मेल-मिलाप का कोई फायदा नहीं है।

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