अब नहीं जायेगी बिजली, SMS से मिलेगी ब्रेकडाउन की जानकारी !!!

(Pi Bureau)

लखनऊ :  यूपी में अब योगी आदित्यनाथ सरकार चौबीस घंटे बिजली देने की तैयारी में है। इसके लिए कल ही मुख्यमंत्री के साथ अधिकारियों की बैठक में रोड मैप तैयार कर लिया गया था।

सरकार का पहला लक्ष्य है कि वहां पर 24 घंटे बिजली पहुंचाई जाए, जहां पर भी बिजली का कनेक्शन है। इसके साथ ही प्रदेश के करीब डेढ़ करोड़ बिजली से वंचित घरों तक भी बिजली पहुंचाने का अभियान युद्धस्तर पर छेडऩे की तैयारी है। इसके अलावा बिजली मीटरों की संख्या में गुणात्मक बढ़ोत्तरी के लिए भी मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। हर घर में बिजली का मीटर लगाने का प्रयास है। बिजली के मामले में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर नजर आ रहे हैं। पद संभालते ही उन्होंने प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिए हैं कि सभी घरों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए वितरण नेटवर्क की उपलब्धता का मूल्यांकन करके दो दिन में बताएं। इसकी रिपोर्ट 23 मार्च को सीएम के समक्ष पेश की जानी है। सीएम के निर्देशों में कहा गया है। कि समीक्षा कर बताएं कि जनवरी से अब तक प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय, ग्रामीण क्षेत्रों, तहसील में कितनी बिजली सप्लाई की गई, और जुलाई तक कितनी बिजली की जरूरत है।

सीएम ने कहा कि वह कारण बताएं जिससे पीक आवर्स में रोस्टर के मुताबिक बिजली नहीं दी जा पा रही है।

भाजपा की सरकार बनते ही केंद्र से ऊर्जा मंत्रालय के अफसर लगातार उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के संपर्क में हैं। आला अफसरों ने सरकार को जो अभी शुरुआती रिपोर्ट दी है, उसमें दावा किया गया है कि चौबीस घंटे बिजली देने के लिए कार्पोरेशन 90 प्रतिशत से ज्यादा तैयार है। कुछ जगह फीडर ओर सब स्टेशन स्तर पर दिक्कत है, जिनके विकल्प तलाशे जा रहे हैं।

वर्तमान रोस्टर अखिलेश सरकार ने जो आखिरी पलों में उत्तर प्रदेश में बिजली सप्लाई का रोस्टर तय किया था। उसके तहत जिला मुख्यालय, शहरी इलाके में चौबीस घंटे बिजली दी जानी है। तहसील मुख्यालय में 20 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 16 से 18 घंटे बिजली दी जानी है। करीब 12000 मेगावाट बिजली की उपलब्धता उत्तर प्रदेश में है। गर्मी बढऩे के साथ ही मांग करीब 18000 मेगावाट तक पहुंच जाती है। इस करीब छह हजार मेगावाट की कमी केंद्रीय पूल से बिजली लेकर पूरी की जानी है। निर्देश हैं कि वितरण इकाई के अधीक्षण अभियंता एवं अधिशासी अभियंता कैबिनेट मंत्री के पहले जिला भ्रमण के दौरान बिजली की पोजीशन बताएंगे। इसमें बिजली सप्लाई, ट्रांसफार्मर बदलने, उपभोक्ताओं की शिकायतें और बिजली सुधार की जानकारी देनी होगी। ग्रामीण विद्युतीकरण के लिए केंद्र सरकार ने 900 करोड़ रुपए जारी किए हैं, जिसका उचित ढंग से उपयोग किया जाए।

जनता की हर शिकायत को गंभीरता से लें

मुख्यमंत्री ने बिजली की शिकायतों को गंभीरता से लेने की हिदायत दी है। साफ निर्देश हैं कि भारत सरकार के एप ऊर्जा में दर्ज शिकायतों के निपटारे में यूपी को नंबर एक होना चाहिए। इसकी निगरानी पावर कार्पोरेशन के प्रबंधन निदेशक और निदेशक तकनीक व्यक्तिगत रूप से निगरानी करेंगे।

सीएम की तरफ से निर्देश दिए गए हैं जहां भी ब्रेकडाउन होना है, उसकी जानकारी वहां के उपभोक्ता को एसएमएस से दी जाए।

 

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