अब US के स्कूलों में पढ़ाया जाएगा भारत की गदर पार्टी का आंदोलन

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाली गदर पार्टी की अमेरिकी धरती पर स्थापना और उसके आंदोलन के बारे में अमेरिका के ओरेगन राज्य के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाया जाएगा। ये घोषणा रविवार को इस पार्टी की स्थापना बैठक के 105 साल पूरे होने पर यहां आयोजित समारोह में ओरेगन राज्य की गवर्नर केट ब्राउन की मौजूदगी में वहां की अटार्नी जनरल एलन एफ. रोसेनब्लूम ने की।

ओरेगन राज्य में मनाई गई पार्टी की स्थापना बैठक की 105वीं सालगिरह

राज्य के गवर्नर की उपस्थिति में अटार्नी जनरल ने की इसे स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा

गदर मेमोरियल फाउंडेशन की तरफ से आयोजित इस समारोह में गवर्नर ने भी गदर पार्टी की स्थापना का इतिहास एस्टोरिया शहर से जुड़े होने को लेकर प्रसन्नता जाहिर की। कोलंबिया नदी के किनारे हुए समारोह में ओरेगन ही नहीं वाशिंगटन राज्य, कैलिफोर्निया और यहां तक कि कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया से भी भाग लेने के लिए सैकड़ों भारतीय पहुंचे हुए थे। इस समारोह का आयोजन उस भवन के बराबर में बने पार्क में किया गया था, जहां 105 साल पहले गदर पार्टी की पहली स्थापना बैठक आयोजित की गई थी।

क्या थी गदर पार्टी

एस्टोरिया में वर्ष 1910 में करीब 74 भारतीय परिवार रोजगार के लिए पहुंचे थे, जिनमें अधिकतर पंजाब के सिक्ख थे। ये सभी यहां मजदूर का काम करते थे। इंग्लैंड की आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में क्रांति आंदोलन से जुड़ी गतिविधियां चलाने के आरोप लगने पर अमेरिका चले आए लाला हरदयाल ने इन सभी भारतीयों को संगठित किया। इसके बाद 23 अप्रैल, 1913 को एस्टोरिया में गदर पार्टी की स्थापना की घोषणा की गई। इसका संस्थापक अध्यक्ष सरदार सोहन सिंह भाकना को बनाया गया। 

इस पार्टी ने वहां युगांतर आश्रम नाम से अपना मुख्यालय बनाया और हिंदी, गुरमुखी और उर्दू में हिंदुस्तान गदर नाम से अखबार निकालकर विदेशों में बसे भारतीयों को भेजना शुरू किया। पहले विश्व युद्ध के समय इस पार्टी ने जर्मनी की मदद से अफगानिस्तान के काबुल में निर्वासित आजाद भारत सरकार की स्थापना की और अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी। अंग्रेजों ने अपने साथी देशों की मदद से जर्मनी से आने वाले हथियारों के जहाज डुबो दिए और गदर पार्टी के सदस्यों को पकड़कर कई को फांसी चढ़ा दिया। लेकिन इस पार्टी की तरफ से जगह-जगह चिपकाए गए पर्चों से फैलाई गई लहर से ही भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद सरीखे क्रांतिकारियों ने प्रेरणा ली थी।

एस्टोरिया में बनाया गया है मेमोरियल

एस्टोरिया से इस पार्टी का संबंध कुछ साल पहले स्थानीय इतिहासकार योहाना आग्डेन ने अपने शोध के दौरान ढूंढा था। उसने इस बारे में एस्टोरिया सिटी काउंसिल को लिखा, जिसके बाद शहर के मेयर ने वर्ष 2013 में इस पार्टी की स्थापना बैठक के 100 साल पूरे होने के मौके पर एक पार्क में इसका मेमोरियल फलक स्थापित किया था। 2017 में ये फलक चोरी हो गया था, जिसे स्थानीय सामुदायिक नेताओं की मदद से एस्टोरिया सिटी काउंसिल ने दोबारा स्थापित कराया है।

About Politics Insight