अब जंग के मैदान में जवानों के साथ सहयोगी की भूमिका निभाएंगे रोबोट

अब जल्द ही रोबोट जंग के मैदान में जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे। दरअसल, वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है जिससे रोबोट विभिन्न वातावरणों में खुद चल सकते हैं। साथ ही वह ऐसे काम को भी अंजाम दे सकते हैं जिसकी उम्मीद एक सैनिक युद्ध के मैदान में अपने सहयोगी से करता है। 

अमेरिका की आर्मी रिसर्च लैबोरेटरी (एआरएल) और कार्नेगी मेलोन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित की गई इस तकनीक के जरिए रोबोटों को ऐसे व्यवहार की शिक्षा दी जाती है जहां मानवीय चूक होने की गुंजाइश कम से कम हो सके।

एआरएल की मैगी विग्नेस ने कहा, ‘यदि कोई रोबोट टीम के सहयोगी की तरह काम करता है तो इससे कार्यों को तेजी से पूरी किया जा सकता है और परिस्थिति से निपटने में आसानी होती है।’

विग्नेस ने कहा कि रोबोट को संभावित खतरों के परिदृश्यों के शुरुआती निरीक्षक के तौर पर इस्तेमाल कर सैनिकों को खतरों से दूर रखा जा सकता है। इस तकनीक को भविष्य में युद्ध मैदानों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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