अमेरिका में शरण मांग रहे 50 से ज्यादा अवैध भारतीय प्रवासियों के साथ जेल में अपराधियों की तरह व्यवहार किया जा रहा है। इनमें अधिकतर सिख हैं, जिनकी पगडियां भी उतरवा ली गई हैं। इन कैदियों को कानूनी मदद मुहैया करा रहे लोगों ने उनकी हालत के बारे में बताया है। ट्रंप प्रशासन के विवादास्पद ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति में फंसे इन प्रवासियों को ओरेगन के एक संघीय जेल में रखा गया है।
इन कैदियों को मदद पहुंचा रही प्रोफेसर नवनीत कौर ने बताया कि आप जब वहां जाते हैं तो यह देखकर बहुत दुख होता है कि किशोरों को वहां रखा गया है।
आपको हैरानी होती है कि उनके साथ अपराधियों सा बर्ताव होता है। उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है, केवल सीमा पार की है। उन्होंने शरण मांगी है और यह इस देश में एक कानून है। पिछले कुछ हफ्ते में नवनीत ने ओरेगन के शेरिडान में संघीय जेल में कैद अधिकतर भारतीय कैदियों के साथ बातचीत की है।
नवनीत ने कहा कि इन कैदियों को जंजीरों में कैद कर दिया गया। ऐसी ही हालत में उन्हें खाना भी दिया जा रहा है। दुर्दांत अपराधियों के साथ भी ऐसा व्यवहार नहीं होता। सिख बंदियों के लिए स्थिति बहुत खराब है। जेल के भीतर उनकी पगड़ी भी ले ली गई है। सिर पर कपड़े का एक टुकड़ा तक रखने नहीं दिया गया।
यह हैं नवनीत कौर :
जेल में अवैध प्रवासियों को कानूनी सहायता मुहैया करा रही गैर लाभकारी कानूनी कंपनी ‘इनोवेशन लॉ लैब’ के लिए प्रोफेसर नवनीत कौर पंजाबी अनुवादक के तौर पर काम कर रही हैं। शेरिडान में रखे गए कुल 123 अवैध प्रवासियों में सबसे अधिक भारतीय हैं।
विरोध के बाद ट्रंप ने वापस लिया था फैसला :
ट्रंप प्रशासन की सख्त आव्रजन नीति की वजह से इस साल 19 अप्रैल से 31 मई के बीच तकरीबन दो हजार बच्चों को उनके अभिभावकों से अलग कर विभिन्न आश्रय स्थलों में रखा गया था। हालांकि, विरोध प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विवादित फैसले को कार्यकारी आदेश के जरिए पलट दिया।