अमरीका ने दिया पाक को बड़ा झटका, रक्षा मदद में की 80% कटौती

पाकिस्तान  में 25 जुलाई को हुी वोटिंग के बाद इमरान खान को  नया प्रधानमंत्री चुन लिया गया है पर कम सीटे हासिल होने के चलते उन्हें गठबंधन की सरकार बनानी पड़ेगी। इस बीच अमरीका की और से पाकिस्तान को करारा झटका देते पाकिस्तान को रक्षा मदद में मिलने वाली आर्थिक मदद में 80 फीसदी तक कटौती हो सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक रक्षा मदद में पाकिस्तान को हर साल मिलने वाली 70 करोड़ डॉलर की राशि अगले साल महज 15 करोड़ रह सकती है। इस राशि को भी हासिल करने के लिए पाकिस्तान को कई शर्तों का अनुपालन करना होगा।

विशेषज्ञों ने बताया कि 2019 के लिए अमरीकी रक्षा व्यय विधेयक  को अगले हफ्ते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समक्ष हस्ताक्षर के लिए रखा जाएगा लेकिन गत कई वर्षों में पहली बार इसके साथ पाकिस्तान को सुरक्षा के मदद में दी जाने वाली मदद का उल्लेख नहीं किया गया है, जो उसे हक्कानी नेटवर्क और आतंकियों के सुरक्षित पनाहगाहों के खिलाफ कार्रवाई करने के नाम पर दिया जाता था। वहीं गैर नाटो सहयोगी के तौर पर दी जाने वाली राशि में भी कटौती कर मात्र 15 करोड़ डॉलर रहने की उम्मीद है। 

कई अमरीकी और सांसद पहले ही पाकिस्तान के दोहरे चरित्र और दोस्त के नाम पर दुश्मन करार दे चुके हैं। व्हाइट हाउस के पूर्व अधिकारी अनीश गोयल ने कहा, पाकिस्तान को गठबंधन सहयोग कोष (सीएसएफ) से मिलने वाली मदद 70 करोड़ डॉलर से घटकर मात्र 15 करोड़ डॉलर रह सकती है। अगले वर्ष के लिए पारित विधेयक में प्रमाणीकरण की व्यवस्था को भी समाप्त कर दिया गया था। पहले के नियम के तहत पेंटागन को यह प्रमाणित करना पड़ता था कि पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है,जिसके आधार पर भुगतान होता था।

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