इमरान खान के ‘गद्दी’ संभालने से पहले आई एक बुरी खबर…

पाकिस्‍तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए नई जिम्‍मेदारी चुनौतियों भरी होगी. इस समय पाकिस्‍तान सबसे बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है. ऐसा अमेरिका के पाकिस्‍तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद रोके जाने के कारण हुआ है. हालांकि चीन उसे विभिन्‍न परियोजनाओं के नाम पर फंड मुहैया करा रहा है, लेकिन उससे नए वजीर-ए-आजम के लिए देश चलाना आसान नहीं होगा. इस बीच एक बुरी खबर यह भी है कि पाकिस्तान सांख्यिकीय ब्यूरो (पीबीएस) ने महंगाई के आंकड़े जारी किए हैं. इसमें बताया गया है कि देश में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर जुलाई 2018 में चार साल के उच्च स्तर पर है.
 
चार साल में सबसे ज्‍यादा महंगाई
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, पीबीएस की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान की वार्षिक महंगाई दर जुलाई में बढ़कर 5.83 फीसदी रही जबकि जून में यह 5.21 फीसदी थी. वहीं जुलाई 2017 में यह दर 2.9 फीसदी थी. सितंबर 2014 के बाद से यह पाकिस्तान में सर्वाधिक महंगाई दर है. ब्यूरो का कहना है कि पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ी कीमतें, पाकिस्तानी रुपए में गिरावट महंगाई बढ़ने के प्रमुख कारण रहे.

बस चीन से मिल रही आर्थिक मदद
अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के पाकिस्‍तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाने के बाद अंततराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी उस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंद लगा रखे हैं. ऐसे में पाकिस्‍तान के पास विदेशी मुद्रा जुटाने का एकमात्र जरिया चीन है.

चीन दक्षिण एशिया में अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति के तहत पाकिस्‍तान की मदद कर रहा है. उसने पाकिस्‍तान में कई परियोजनाओं में निवेश किया है. हाल में चीन भी मदद रोकने की तैयारी कर रहा था लेकिन पाकिस्‍तान ने चेतावनी दी कि अगर चीन को इस दक्षिण एशियाई देश में 60 अरब डॉलर के निवेश की योजना को जारी रखनी है तो कर्ज उपलब्‍ध कराते रहना पड़ेगा. जून 2018 को खत्‍म वित्‍त वर्ष में पाकिस्‍तान ने चीन से 4 अरब डॉलर कर्ज लिया था.

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