आज से अमेरिकी करेंसी नहीं खरीद पाएगा ईरान: ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु करार को लेकर ईरान पर नए सिरे से बैन लगाए हैं. ट्रंप ने कहा है कि ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते से हटने के बाद फिर से बैन लगाए जा रहे हैं. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा है कि वो ईरान के साथ नए परमाणु समझौते पर विचार करने के लिए तैयार हैं.

भारतीय समयानुसार, मंगलवार सुबह 9:30 बजे से ईरान के ऑटोमोबाइल सेक्टर के साथ-साथ उसके सोने और कीमती धातुओं में व्यापार पर भी बैन लग जाएगा. ईरान पर लगाए गए नए बैन के तहत वहां की सरकार आज से अमेरिकी करेंसी नहीं खरीद सकेगी. साथ ही कालीन के इंपोर्ट (आयात) सहित ईरानी इंडस्ट्री पर भी बड़े पैमाने पर बैन रहेगा.

भारत पर पड़ेगा असर

बता दें कि इस साल मई में ट्रंप ने ईरान के परमाणु समझौते से बाहर निकलने की घोषणा की थी. ईरान पर नए सिरे से बैन लागू होने के बाद भारत जैसे देशों पर खासा असर पड़ेगा. ईरान के साथ भारत के परंपरागत और ऐतिहासिक व्यापारिक रिश्ते हैं. ट्रंप का मानना है कि आर्थिक दबाव के कारण ईरान नए समझौते के लिए राज़ी हो जाएगा और अपनी ‘नुकसानदेह’ गतिविधियां रोक देगा.

रुहानी ने कहा- ये मनोवैज्ञानिक युद्ध

उधर, ईरान के खिलाफ नए सिरे से बैन लगाये जाने के मद्देनजर राष्ट्रपति हसन रुहानी ने इसे ‘मनौवैज्ञानिक युद्ध’ करार दिया है. सरकारी चैनल पर ईरान के लोगों को संबोधित करते हुए रुहानी ने कहा, ‘हम कूटनीति और बातचीत के हमेशा से पक्षधर रहे हैं. लेकिन, बातचीत के लिए ईमानदारी की ज़रूरत होती है, जो अमेरिका ने नहीं दिखाई.’ रुहानी ने मामले को सुलझाने के लिए अमेरिका के साथ तुरंत बातचीत करने के विचार को खारिज कर दिया.

ईरान ने कहा कि देश में राजनीतिक उथल-पुथल के मद्देनजर इस्लामिक रिपब्लिक पर फिर से बैन लगाने की घोषणा करके अमेरिका अलग-थलग पड़ गया है. विदेश मंत्री मोहम्मद जावद जरीफ ने कहा कि बेशक अमेरिकी धमकाने और राजनीतिक दबाव बनाकर कुछ मुश्किलें पैदा कर सकता है. लेकिन, तथ्य यह है कि वर्तमान दुनिया में अमेरिका अलग-थलग है. 

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