अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंध बनने की बजाए लगातार बिगड़ रहे हैं। पेंटागन ने अमेरिकी संसद से अनुरोध किया है कि वह कोलिजन सपोर्ट फंड के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की राशि पर पुन:विचार करे क्योंकि पाकिस्तान दक्षिण एशिया रणनीति के तहत ठोस कार्रवाई करने में असफल रह रहा है।
पेंटागन के प्रवक्ता कोन फकनर ने बताया कि दक्षिण एशिया रणनीति के तहत पाकिस्तान की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण 30 करोड़ डॉलर की राशि पर पुन:विचार किया गया है। रक्षा विभाग ने जून/जुलाई, 2018 में इसपर प्राथमिकता से विचार किया क्योंकि 30 सितंबर, 2018 को इस निधि के प्रयोग की अवधि समाप्त हो जाएगी।
इसके साथ ही रक्षा विभाग अभी तक कोलिजन सपोर्ट फंड के रूप में पाकिस्तान को दी जाने वाली 80 करोड़ डॉलर की राशि पर पुन:विचार कर चुका है। इस निधि पर पुन:विचार इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने यह प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया है कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं।
एक सवाल के जवाब में फकनर ने कहा, यह कोई नया फैसला या नयी घोषणा नहीं है।
कोने फॉल्कनर ने कहा, ‘पाकिस्तान दक्षिणी एशिया रणनीति के तहत निर्णायक कार्रवाई करने में असफल रहा है, इसी वजह से बची हुई 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता राशि का जून/जुलाई 2018 को पुनर्मूल्यांकन किया गया। यह फंड 30 सितंबर 2018 को खत्म हो जाएगा।’
इसके साथ ही रक्षा मंत्रालय ने 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पाकिस्तान को मिलने वाली सीएसएफ सहायता का भी पुनर्मूल्यांकन किया गया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि रक्षामंत्री जिम मैटिस ने कांग्रेस को आवश्यक सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया, जिससे पता चलता कि आतंकी संगठन जैसे कि हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ पाकिस्तान ने कोई सख्त कदम उठाए हैं। फॉल्कनर ने कहा, ‘यह कोई नया निर्णय या घोषणा नहीं है।’
फॉल्कनर ने कहा, ’23 मार्च 2018 को प्रकाशित हुए रक्षा मंत्रालय स्वीकृति अधिनियम के तहत आप देख सकते हैं कि कांग्रेस ने 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता को रद्द कर दिया था। यह सब सार्वजनिक है।’ उन्होंने कहा, ‘हम लगातार पाकिस्तान को आतंकी संगठनों हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जोर देते रहे हैं।’ रक्षा मंत्रालय कांग्रेस के निर्णय का इंतजार कर रहा है ताकि पता चल सके के पुनर्मूल्यांकन के अनुरोध को स्वीकार किया गया है या खारिज।
यह घोषणा ऐसे समय पर आई है जब अमेरिकी रक्षामंत्री माइक पॉम्पियो पाकिस्तान के दौरे पर जाकर नए प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मुलाकात करने वाले हैं। जनवरी में अमेरिका सरकार ने घोषणा की थी कि वह देश पाकिस्तान को मिलने वाली सभी सुरक्षा राशि को लगभग खत्म कर रहा है। अमेरिका के अलावा दूसरे देश लंबे समय से आतंकियों और उनके संगठनों को सुरक्षित आसारा मुहैया करवाने के लिए पाकिस्तान की शिकायत करते रहे हैं। हालांकि अमेरिका के दावों को पाकिस्तान खारिज करता रहा है।