पहली बार पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट में दो ट्रांसजेंडर कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुस्लिम बहुल इस देश में ट्रांसजेंडरों के अधिकारों के लिए इस समुदाय के दो लोगों को सर्वोच्च अदालत में नौकरी दी जाएगी।
यह मामला उस वक्त सामने आया जब मुख्य न्यायाधीश ने ट्रांसजेंडर अधिकारों को लेकर एक केस की सुनवाई के लिए खंडपीठ की अध्यक्षता की। ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक, उन्होंने कहा कि हमारे समाज में ट्रांसजेंडर उपहास के एक पात्र हैं। इन लोगों को उनका अधिकार देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ट्रांसजेंडरों के मूल अधिकारों से जुड़े एक केस के सिलसिले में एक एनजीओ और खैबर पख्तूनख्वा सरकार को नोटिस भेजेगा। उन्होंने खेद जताया कि खैबर पख्तूनख्वा में ट्रांसजेंडरों को धमकियां मिल रही हैं। साथ ही अदालत ने इस समुदाय से जुड़ी भ्रामक जानकारियां फैलाने के लिए एक वेबसाइट पर नाराजगी जताई।
सबसे पहले पाकिस्तान ने थर्ड जेंडर को दी थी जगह
वर्ष 2009 में पाकिस्तान दुनिया का पहला ऐसा देश बना था जिसने कानूनी तौर पर थर्ड जेंडर को जगह दी थी। यही नहीं पहली बार ट्रांसजेडर समुदाय के लोगों को पिछले साल की जनगणना में भी शामिल किया गया था।
ट्रांसजेंडरों को मुख्यधारा में लाना चाहती है अदालत
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालत ट्रांसजेंडरों को मुख्यधारा में लाना चाहती है। हम चाहते हैं कि उनके मामलों को सुलझाया जाए। बता दें कि पाकिस्तान में लगभग पांच लाख ट्रांसजेंडर हैं।