पिछले साल पाकिस्तान के एक प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में फिलिस्तीन की एक लड़की की एक तस्वीर को कश्मीर का बता दिया था। भारत ने जब इसकी सच्चाई सामने रखी तो उसका काफी मजाक बना था। एक बार फिर से उसने इसी तरह की गलती की है। हाल ही में उसने खास प्रोपेगैंडा के तहत 20,000 पन्नों वाले 20 डाट टिकटों को जारी किया था। जिन्हें शीर्षक दिया है- ‘भारत अधिकृत कश्मीर में भारत द्वारा की जाने वाली ज्यादतियां’।
इनमें से ही एक डाक टिकट को उसने सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए बुरहान वानी पर जारी किया था। पाक ने वानी को शहीद बताते हुए ‘फ्रीडम आइकन’ करार दिया था। मगर अफसोस भारत को घेरने की मंशा में उससे एक गलती हो गई। दरअसल, पाकिस्तान ने कुछ तस्वीरें कश्मीरी पंडितों और सिख पीड़ितों पर हुए पाकिस्तान समर्थित आतंक को भारत द्वारा किए गए हमलों के तौर पर दिखाया। जबकि इन तस्वीरों की सच्चाई के बारे में सभी जानते हैं।
कश्मीर के रूट्स इन कश्मीर नाम के संगठन ने यूएन महासचिव अंटोनियो गुटेरस को पत्र लिखकर एक ऐसे ही डाक टिकट के बारे में बताया। जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंक के पीड़ित भारतीय लोग बने हैं। यूएन में पड़ोसी देश की शिकायत करने वाले संगठन ने कहा, ‘यह भारत को विश्व स्तर पर बदनाम करने की एक कोशिश है। आपके ऊपर ना केवल हमारा अस्तित्व बचाने बल्कि पाकिस्तान समर्थित आतंक के प्रभाव को रोकने की जिम्मेदारी भी है। पाकिस्तान को यह निर्देशित करें कि वह इन शरारतपूर्ण टिकटों को वापस लें और उससे कश्मीरी पंडितों के समुदाय के खिलाफ किए अपराध और झूठी तस्वीरों का प्रदर्शन करने की वजह से माफी मांगने के लिए कहें।’
वहीं पाकिस्तानी मीडिया को इस बात के बारे में कुछ नहीं पता है कि इन टिकटों को छपवाने का विचार किसका था। इस प्रस्ताव को पहले सूचना मंत्रालय फिर विदेश मंत्रालय और उसके बाद पीएम कार्यालय तक की मंजूरी मिली थी। इन 20 डाक टिकटों में कश्मीरी विरोध प्रदर्शन और कथित मानवाधिकार उल्लंघन को दिखाया गया है। वहीं एक में केमिकल हथियारों के पीड़ितों को दर्शाया गया है। एक डाक टिकट पर उर्दू में लिखा है- कश्मीर पाकिस्तान बन जाएगा। बता दें कि यूएन में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था जिसके बाद से वह बौखलाया हुआ है।