पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है। उसने देश के अंदर बढ़ते इस भुगतान संतुलन संकट से निपटने के लिए एक घोषणा भी की है। जिसके तहत पाकिस्तान ‘बेलआउट पैकेज’ के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मदद मांगेगा।
वहीं वित्त मंत्री असद उमर का कहना है कि विचार विमर्श के बाद जब प्रधानमंत्री इस फैसले को मंजूरी दे देंगे, तभी आईएमएफ से बातचीत शुरू की जाएगी। बता दें अगर पाकिस्तान की सरकार मदद के लिए आईएमएफ के पास जाती है तो यह उसका 13वां बेलआउट पैकेज होगा।
इस मामले में यूएस इंस्टिट्यूट ऑफ पीस के सेहर तारीक ने पाकिस्तान को लेकर खतरे के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि ‘निर्यात मंदा है, कर्ज बढ़ता जा रहा है, संकेत बेहद खराब हैं।’ लेकिन पाकिस्तान के पास आईएमएफ के अलावा मदद के लिए अभी चीन भी एक विक्लप है।
वहीं अगर बेलआउट पैकेज की बात करें तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही आईएमएफ को इस बारे में चेतावनी दे चुके हैं। उनका कहना है कि बेलआउट के जरिए मिलने वाली मदद का इस्तेमाल पाकिस्तान चीन से लिए गए कर्ज को चुकाने में कर सकता है।