दिल्ली में निर्भया कांड के 6 साल बाद एक ऑटो ड्राईवर ने इस मंजर को दोबारा होने से रोका और एक लड़की को सुरक्षित उसके घरवालों से मिलवाया. 15 दिसंबर की शाम को राजधानी दिल्ली में एक ऑटो वाले और उसके बेटे की बहादुरी और जागरूकता के चलते एक नाबालिग लड़की गलत लोगों के हाथों में जाने से बच गई.
15 दिसंबर शनिवार को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ की रहने वाली एक नाबालिग लड़की ट्रेन से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची और एक ऑटो हायर कर पहले ऑटो से सारे मंदिर घूमी और फिर बंगाली मार्केट में खाना खाने ऑटो से गई. इसके बाद बंगाली मार्केट में ही ऑटो से उतरकर वही रुक गई. ऑटो चालक की मानें तो देखने में लड़की स्कूल की छात्रा लग रही थी. लड़की ने ऑटो चालक से मंडी हाउस पर उतरने के लिए कहा. ऑटो ड्राइवर उसे वही उतारकर अपने घर आ गया.
ऑटो वाला दिल्ली 6 में अपने घर गया और अपने बेटे विजय से लड़की की पूरी कहानी बताई. उसका बेटा गार्ड का काम करता है. पिता पदम् चंद की बात सुन बेटे ने पिता को समझाया और उस लड़की को बचाने के लिए बोला. दोनों बाप बेटे अपने ऑटो से उस नाबालिग लड़की की तलाश करने वापस बंगाली मार्केट पहुंच गए. काफी मशक्कत के बाद मंडी हाउस में लड़की रात करीब 9 बजे अकेली बैठी नजर आई. इसके बाद दोनों बाप बेटे ने तुरंत दिल्ली पुलिस को 100 नंबर पर कॉल किया.
बाराखंभा थाने की पुलिस लड़की के पास पहुंचकर उसकी आपबीती सुनी और फिर लड़की की काउंसलिंग करवा कर उसे निर्मल छाया में भेज दिया गया. पुलिस के मुताबिक पूछताछ में 17 साल की लड़की ने प्रतापगढ़ में छेड़छाड़ की बात बताई है जिसके लिए पुलिस प्रतापगढ़ पुलिस से संपर्क कर रही है. साथ ही लड़की के घर में कुछ परेशानी थी जिसके चलते वो अकेले दिल्ली आ गई थी.
16 दिसंबर से ठीक एक दिन पहले एक ऑटो चालक और उसके बेटे की जागरूकता के चलते वक्त रहते नाबालिग लड़की गलत हाथों में जाने से बच गई.