पेरिस से Article 370 पर मोदी का संदेश- गांधी-बुद्ध के देश में ‘टेंपररी’ को हटाने में 70 वर्ष लग गए,लेकिन अब.. !!!

(Pi Bureau)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में भारतीय समुदाय को संबोधित किया. अपने संबोधन के अंत में पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का जिक्र भी किया. प्रधानमंत्री ने सीधे तौर पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन इशारों में अपनी बात जनता को बता दी. पीएम मोदी ने कहा कि अब हिंदुस्तान में टेंपरेरी (अस्थाई) के लिए व्यवस्था नहीं है.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘हिंदुस्तान में अब टेंपरेरी के लिए व्यवस्था नहीं है, आपने देखा होगा कि 125 करोड़ लोगों का देश, गांधी और बुद्ध की धरती, राम-कृष्ण की भूमि से टेंपरेरी को निकालते-निकालते सत्तर साल चले गए. टेंपरेरी को निकालने में 70 साल, मुझे तो समझ नहीं आया कि हंसना है या रोना है.’

पीएम मोदी ने कहा कि साथियो, रिफॉर्म-ट्रांसफोर्म और परमानेंट व्यवस्थाओं के साथ देश आगे बढ़ पड़ा है. गौरतलब है कि संविधान में जम्मू-कश्मीर को लेकर जिस अनुच्छेद 370 का जिक्र था, वह अस्थाई था. इस अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को कई सुविधाएं मिलती थी, उदाहरण के तौर पर राज्य का अलग झंडा, राज्य में कोई दूसरे राज्य का व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकता है. लेकिन अब ऐसे सभी नियम वहां पर लागू नहीं हैं.

आपको बता दें कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को कमजोर किए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रधानमंत्री का ये पहला संबोधन था. पूरी दुनिया की नजर प्रधानमंत्री पर थी और इस दौरान उन्होंने कश्मीर मसले पर ये बयान दिया.

गौरतलब है कि 5 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा-राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को हटाने, जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बनाने का प्रस्ताव पेश किया था.

अनुच्छेद 370 को हटाने की मांग पिछले सत्तर साल से उठ रही थी, लेकिन कोई सरकार ऐसा नहीं कर पाई थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई मोदी सरकार ने ये फैसला लिया, जिसे अबतक का सबसे बड़ा निर्णय माना गया.

जब से मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पर फैसला लिया है, ये मुद्दा दुनिया में सुर्खियां बटोर रहा है. अमेरिका, फ्रांस, रूस, चीन समेत कई देश इस मसले पर हिंदुस्तान के साथ खड़े हैं. तो वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इस मसले पर बौखलाया हुआ है, पाकिस्तान का कहना है कि भारत ने अनुच्छेद 370 पर फैसला लेने के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नियमों का उल्लंघन किया है.

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