(Pi Bureau)
आंतक के पनाहगार पाकिस्तान ने एक बार फिर माना है कि उसने आतंकी संगठन मुजाहिद्दीन को न केवल प्रशिक्षण दिया बल्कि उनपर अपनी अर्थव्यवस्था के 100 बिलियन डॉलर यानी लगभग सात लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
पाकिस्तान के गृह मंत्री के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने आतंकियों को शरण देने की बात कबूली है। लेकिन उसका कहना है कि उसने सोवियत के खिलाफ जिहाद किया था जिसे कि अमेरिका का सीआईए फंड दिया करता था।
इमरान खान ने कहा, ’80 के दशक में जब सोवियत ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया तो हम इन मुजाहिद्दीन लोगों को उसके खिलाफ जिहाद करने का प्रशिक्षण दिया करते थे। इन लोगों को पाकिस्तान ने प्रशिक्षित किया। जिसे अमेरिका के सीआईए से फंड मिलता था। अब एक दशक बाद अफगानिस्तान में अमेरिका पहुंचा और वही समूह जो पाकिस्तान में है ने यह कहना शुरू कर दिया कि क्योंकि अमेरिकी यहां हैं, यह अब जिहाद नहीं रह गया। यह आतंकवाद बन गया है।’
पाक प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह एक बड़ा विरोधाभास था और मैंने दृढ़ता से महसूस किया कि पाकिस्तान को तटस्थ रहना चाहिए था क्योंकि इसमें शामिल होने से ये समूह हमारे खिलाफ हो गए। हमने अपने 70,000 लोगों को खो दिया। हमने उनपर अपनी अर्थव्यवस्था के सात लाख करोड़ रुपये खर्च किए। अंत में अमेरिका ने हमपर अफगानिस्तान में सफल न होने का आरोप लगाया। मुझे लगता है कि यह पाकिस्तान के साथ बहुत अनुचित हुआ है।’