(Pi Bureau)
कई अतंरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर राग अलापने के बाद भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अपने पक्ष में कोई दिखाई नहीं दे रहा है। इसके बावजूद भी वह अपने इस मुद्दे को किसी भी हाल में छोड़ने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि खान अपने अमेरिकी दौरे के दौरान कश्मीर मुद्दे को फिर से उठाने के सपने देख रहे हैं। लेकिन उनकी आकांक्षा के विपरीत उन्हें यहां दोहरा झटका लगने वाला है।
दरअसल, सितंबर के आखिर में इमरान खान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बैठक करके और संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण के दौरान भारत के आंतरिक मसले (कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म करना) को रखने की फिराक में है लेकिन उसी दौरान प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों की धाक इस तरह की होगी जिससे कि इमरान के झूठ की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाएगा।
इमरान खान कश्मीर मुद्दे पर बौखलाए हुए हैं और वह कई बार उनकी बौखालहट सामने आती रहती है। अपने अमेरिकी यात्रा के दौरान इमरान दो बार ट्रंप से मिलने वाले हैं। वहीं ट्रंप के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना है। बता दें कि 22 सितंबर को ह्यूस्टन में प्रधानमंत्री भारतीय समुदाय को संबोधित करने वाले हैं। यह काफी बड़ा कार्यक्रम है जिसमें 50 हजार से ज्यादा दर्शक शामिल होंगे। हाउडी मोदी नाम के इस कार्यक्रम में ट्रंप हिस्सा ले सकते हैं।
ठीक उसी तरह जैसे कि 2015 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे। उस समय मोदी ने वेम्बले स्टेडियम में भारतीय लोगों को संबोधित किया था। ट्रंप के इस कार्यक्रम में व्हाइट हाउस जल्द ही कोई जानकारी दे सकता है। ट्रंप के इस कार्यक्रम में शिरकत करने को अमेरिका में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से भी जोड़ा जा रहा है।
पिछले दिनों भारत और अमेरिका के द्वीपक्षीय रिश्तों में कुछ खटास आई थी जिसे भुलाकर एक व्यापार समझौता किया जाएगा। मोदी और इमरान एक ही दिन 21 सितंबर को अमेरिका पहुंचेंगे और 27 सितंबबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भाषण दे सकते हैं। यूएन एसेंबली के कार्यक्रम से इतर प्रधानमंत्री दुनियाभर के शीर्ष नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
यह पाकिस्तान के लिए झटका होगा क्योंकि उसकी विश्व स्तर पर भारत की छवि खराब करने की कोशिशें असफल होती दिखाई दे रही हैं। इसी दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी अपने समकक्षों के साथ उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। जिसके लिए जयशंकर फिनलैंड दौरे से सीधे अमेरिका पहुंचेंगे।