(Pi Bureau)
भारत के खिलाफ दुष्प्रचार में मशगूल पाकिस्तान एब बार फिर अपने नए पैतरे के साथ सामने आया है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद से दुनिया से अलग-थलग पड़ चुका पाकिस्तान अपनी ऐसी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इस क्रम में उसने अब एक रिटायर्ड पाक सैनिक अफसर की गुमशुदगी के लिए भारत का हाथ होने का आरोप लगाया है। उसकी नीयत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उसने ढाई साल पुराने इस मामले को उठाते हुए कहा कि इसके पीछे भारत की खुफिया एजेंसियों का हाथ है।
पाकिस्तान ने कहा कि उसके एक रिटायर्ड सैन्य अफसर कर्नल हबीब जहीर वर्ष 2017 से लापता हैं। पाकिस्तान ने भारत की ओर इशारा करते हुए कहा है कि इसमें पड़ोसी मुल्क का हाथ हो सकता है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि उक्त सैन्य अफसर भारत की कस्टडी में हो सकता है। पाकिस्तान का कहना है कि ऐसे अटकलें हैं कि भारत उन्हें कमांडर जाधव के बदले में छोड़ेगा। पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि हबीब के घर आने तक पाकिस्तान सरकार अब चैन से नहीं बैठेगी। बता दें कि हबीब नेपात से तब लापता हुए थे, जब वह अप्रैल 2017 में एक जॉब इंटरव्यू के लिए गए थे।
हालांकि, अभी तक भारत ने इस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। कथित घटना के करीब ढाई वर्ष बाद पाकिस्तान द्वारा अचानक इस मुद्दे को उठाया जाना उसकी पैतरेबाजी और साजिश का ही हिस्सा है। उसने अपने बयान में आतंकवाद और जासूसी के आराेप में मौत की सजा का सामना कर रहे इंडियन नेवी के पूर्व अफसर कुलभूषण जाधव के बदले में रिहा किए जाने संबंधी मीडिया रिपोटर्स की ओर इशारा किया है।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसने भारत सरकार से हबीब का पता लगान के लिए अनुरोध किया है। मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि भारत की तरह से से अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है। पाकिस्तान में जारी बयान में कहा गया है कि हबीब का परिवार बहुत परेशान है। बयान में कहा गया है कि इस बाबत यूएन वर्किंग ग्रुप से भी संपर्क किया गया है। बयान में कहा गया है कि हबीब के परिवार का कहना है कि उन्होंने एक वेबसाइट पर जॉब के लिए अपनी सीवी पोस्ट की थी।
इसके बाद उन्हें काठमांडू आने के लिए कहा गया था। इसके लिए वह 6 अप्रैल, 2017 को अपने इंटरव्यू के लिए ओमान एयरलाइंस का एयर टिकट भेजा गया था। पाकिस्तान का दावा है कि जिस वेबसाइट ने हबीब से संपर्क किया था, वह भारत से ऑपरेट की जा रही थी बाद में उसे बंद कर दिया गया। जांच में यह भी पता चला है कि जिस नंबर से उनकी बात हुई थी मोबाइल नंबर फर्जी था।