(Pi Bureau)
पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक में आज पाकिस्तान पर फैसला होगा. टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़े मामलों को रोकने में नाकाम साबित हुए पाकिस्तान पर ब्लैक लिस्टेड होने का खतरा मंडरा रहा है. हालांकि, चीन, तुर्की और मलेशिया के सपोर्ट के कारण पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने की संभावना ज्यादा है.
दरअसल चीन, मलेशिया और तुर्की पाकिस्तान के साथ हैं. ऐसे में वह ब्लैकलिस्ट होने के खतरे से बच सकता है. आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर की अगुवाई में एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में कहा कि इस्लामाबाद ने 27 में से 20 बिंदुओं में सकारात्मक प्रगति की है. एफएटीएफ ने पाकिस्तान के जरिए उठाए गए कदमों और कई क्षेत्रों में इसकी प्रगति पर संतोष व्यक्त किया.
वहीं चीन, तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान के जरिए उठाए गए कदमों की सराहना की. वहीं भारत ने ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश की है. भारत का कहना है कि इसने हाफिज सईद को अपने फ्रीज खातों से धन निकालने की अनुमति दी है.
36 देशों वाले एफएटीएफ चार्टर के मुताबिक किसी भी देश को ब्लैकलिस्ट नहीं करने के लिए कम से कम तीन देशों के समर्थन की आवश्यकता होती है. बता दें कि पाकिस्तान फिलहाल ‘ग्रे लिस्ट’ (वॉच लिस्ट) में है और वो इससे बाहर आने की कोशिश में जुटा है. एफएटीएफ ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई पूरी करने के लिए उसे अक्टूबर तक का समय दिया था.