(Pi Bureau)
सुरक्षा चुनौतियों से जूझ रहा श्रीलंका शनिवार को अपना नया राष्ट्रपति चुनेगा। यह चुनाव देश का भविष्य तय करेगा। ईस्टर धमाकों और उसके बाद हुए राजनीतिक धु्रवीकरण के चलते देश के सामने गंभीर सुरक्षा चुनौतियां हैं। देश में करीब 1.59 करोड़ मतदाता हैं, जो राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरिसेन के उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे।
इस चुनाव में पूर्व रक्षा मंत्री और श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (एसएलपीपी) के उम्मीदवार गोतबाया राजपक्षे और यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के सजित प्रेमदासा के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। नेशनल पीपुल्स पावर्स (एनपीपी) के अरुणा कुमार दिसानायके को भी मजबूत उम्मीदवार बताया जा रहा है। प्रेमदासा अपने पिता की विरासत को लेकर आशान्वित हैं और उनकी लोकप्रियता का भुनाना चाह रहे हैं। उनके पिता आर प्रेमदासा 1989 से 1993 तक राष्ट्रपति रहे थे। 1993 में एलटीटीई आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी थी।
पूर्व राष्ट्रपति और गोतबाया के भाई महिंदा राजपक्षे ने कहा, हमें आज भी उनका (आर प्रेमदासा) का रक्तिम युग याद है, जब युवाओं के शवों को सड़क पर टायर के साथ जलाया जाता था। गोतबाया ने भी कहा, कोई नहीं चाहता है कि देश प्रेमदासा के आतंकी युग में लौटे।
फूड पॉयजनिंग से 50 मतगणना कर्मी बीमार
राजधानी कोलंबो के मुख्य मतगणना केंद्र के 50 चुनावकर्मी शुक्रवार को दूषित भोजन के चलते बीमार हो गए। फूड पॉयजनिंग के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। नेशनल हॉस्पिटल के प्रवक्ता के मुताबिक मतगणना केंद्र पर भोजन करने के बाद ये लोग बीमार हो गए। देश के 12 हजार 600 मतदान केंद्रों पर करीब डेढ़ लाख से ज्यादा कर्मियों को लगाया गया है।