(Pi Bureau)
दुनिया भर में तेजी से फैलते जा रहे कोरोनावायरस को जड़ से खत्म करने के लिए दुनिया के बड़े संस्थानों ने मिलकर काम करने का मन बनाया है। इसके लिए वो अरबों डॉलर खर्च कर रहे हैं। इनमें World Bank, Google और WHO का नाम शामिल है। ये तीनों संस्थाएं मिलकर कोरोना को खत्म करने के लिए अरबों डॉलर खर्च कर रही हैं।
विश्व बैंक ने कोरोनोवायरस के प्रकोप से निपटने में विभिन्न देशों की मदद करने के लिए 12 अरब डॉलर के सहायता पैकेज की घोषणा की। विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास ने बताया कि इतनी रकम से जरूरतमंद देशों को तेजी से प्रभावी सहायता मुहैया कराना है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 वायरस के प्रसार को रोकने की जद्दोजहद में ऐसे गरीब देशों पर पड़ने वाले अतिरिक्त बोझ को पहचानना जरूरी है जिनके पास इससे लड़ने के कम साधन हैं।
उन्होंने बताया कि यह धनराशि खासतौर से दुनिया के सबसे गरीब देशों के लिए है और इसका इस्तेमाल चिकित्सा उपकरणों या स्वास्थ्य सेवाओं के लिए किया जाएगा। इसमें विशेषज्ञता तथा नीतिगत सलाह भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह सहायता उन देशों को दी जाएगी, जो मदद के लिए अनुरोध करेंगे। बैंक कई सदस्य देशों के संपर्क में है लेकिन उन्होंने किसी खास देश का उल्लेख नहीं किया, जिसे सबसे पहले सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्य बात तेजी से कदम उठाना है। जिंदगियों को बचाने के लिए रफ्तार जरूरी है।
कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों, व्यवसायों और स्कूलों की मदद के लिए गूगल ने एकाखास पहल की है। गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि वह अपने एडवांस्ड हैंगआउट मीट वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग कैपबिलिटीज को मुफ्त में सभी जी सूट ग्राहकों तक पहुंचाएगा। मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सुंदर पिचाई ने एक ट्वीट में इस पहल की घोषणा की।
कंपनी ने अपने पोस्ट में लिखा है कि चूंकि ज्यादातर कर्मचारी, टीचर और स्टूडेंट COVID-19 के प्रसार की वजह से घर से काम करना चाहते हैं इसलिए हम अपने हिस्से की मदद करना चाहते हैं। Google ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब दुनियाभर में कई बड़े कॉन्फ्रेंस और इंवेंट कोरोना वायरस की वजह से कैंसिल कर दिए गए हैं। कैंसिल किए गए कुछ प्रमुख कार्यक्रमों में जीएसएमए का मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस और फेसबुक का एफ 8 सम्मेलन, जेनेवा मोटर शो और गेम डेवलपर्स सम्मेलन शामिल है।
WHO इस रोग से बचाव के उपाय और संक्रमण के लक्षण के बारे में लगातार लोगों को जागरुक कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने कमजोर देशों के कोरोनावायरस के प्रसार से लड़ने में मदद करने के लिए 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर (US$) जारी किए। संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख मार्क लोकोक ने केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष (CERF) से ये राशि जारी की है। इटली, ईरान के इस्लामी गणराज्य और कोरिया के मामलों में अचानक वृद्धि हुई है। अब बहरीन, इराक, कुवैत और ओमान में ईरान के साथ-साथ इटली, अल्जीरिया, ऑस्ट्रिया, क्रोएशिया, जर्मनी, स्पेन और स्विट्जरलैंड से जुड़े मामले हैं। संयुक्त राष्ट्र का वित्तपोषण डब्ल्यूएचओ और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) को जारी किया गया है। यह वायरस के प्रसार की निगरानी, मामलों की जांच और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के संचालन सहित आवश्यक गतिविधियों को निधि देगा।
डब्ल्यूएचओ ने कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए यूएस $ 675 मिलियन का आह्वान किया है। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दुनिया भर के देशों को पहले से ही एहतियात बरतने के लिए कहा गया है। इमरजेंसी रिलीफ कोऑर्डिनेटर और अंडर-सेक्रेटरी-फॉर ह्यूमैनिटेरियन अफेयर्स, मार्क लोवॉक ने कहा कि हमें अभी तक इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि वायरस स्वतंत्र रूप से फैल रहा है। ये कहीं न कहीं पहले से संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से फैल रहा है, इसको इसी तरह से रोका जा सकता है।