(Pi Bureau)
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग अब एक बार फिर से चर्चा में है। इस बार उन्होंने अपने कट्टर प्रतिद्वंदी साउथ कोरिया को धमकाया है, बोलीं कि यदि पहले हुए सैन्य समझौतों और अभी हो रही गलतियों को नहीं रोका गया तो अंजाम बहुत बुरा होगा।
नॉर्थ कोरिया के साथ लगी साउथ कोरिया की सीमा से कई बार गुब्बारे उड़ाए जाते हैं, इन गुब्बारों पर तानाशाह किम जोंग उन के परमाणु कार्यक्रमों का विरोध होता है और भला बुरा कहा जाता है। नॉर्थ कोरिया परमाणु बमों के बारे में अपने को लगातार अपडेट कर रहा है। नॉर्थ कोरिया तानाशाह परमाणु बमों के लिए नित नए परीक्षण भी करता रहता है।
इस तरह की हरकतें दोनों देशों की सीमाओं पर पहले भी हो चुकी है। नॉर्थ कोरिया से जो लोग चोरी छिपे साउथ कोरिया पहुंच गए हैं वो सीमा पर आकर गुब्बारे उड़ाकर तानाशाह को इसी तरह से भला बुरा कहते हैं। वो इस बात का भी विरोध दर्ज कराते हैं कि किम जोंग किस तरह से ज्यादतियां करते हैं। इन बातों को लेकर पहले ही दोनों देशों के बीच बातचीत हो चुकी है। किम यो जोंग अपने भाई की सबसे वफादार हैं और विदेशियों और दक्षिण कोरिया से डील करती हैं। किम यो जोंग अपने भाई की सकारात्मक छवि दुनिया में बनाने का काम करती हैं।
तानाशाह की बहन किम यो जोंग साउथ कोरिया के साथ बातचीत करती हैं, वो पहले ही साउथ कोरिया से कह चुकी हैं कि सीमा पर इस तरह की चीजें नहीं होनी चाहिए। साउथ कोरिया ऐसे लोगों पर रोक लगाए जो सीमा पर आकर गुब्बारे उड़ाते हैं और किम के खिलाफ स्लोगन लिखते हैं। तानाशाह की बहन ने दक्षिण कोरिया को धमकी दी कि अगर उसने इस विरोध प्रदर्शन को नहीं रोका तो वह दोनों देशों के बीच हुआ सैन्य समझौता रद्द कर देंगी। किम यो जोंग की मांग के आगे झुकते हुए दक्षिण कोरिया ने ऐलान किया है कि वह इस तरह के विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए नया कानून बनाएगा।
दक्षिण कोरिया को उम्मीद है कि इस कानून के बाद उसके नॉर्थ कोरिया से सामान्य संबंध बने रहेंगे। इससे पहले दक्षिण कोरिया कई बार पुलिस भेजकर सीमा पर इस तरह के गुब्बारों को उड़ाने से रोकता भी रहा है। हालांकि दक्षिण कोरिया उत्तर कोरिया के बैन लगाने की मांग को पहले खारिज करता रहा है। दक्षिण कोरिया से उत्तर कोरिया को गुब्बारे भेजने की प्रक्रिया पिछले कई वर्षों से चल रही है।
उत्तर कोरिया इसे अपनी सरकार पर हमला मानता रहा है। माना जाता है कि यो जोंग इस बात का फैसला करती थीं कि किम जोंग उन तक कौन से मुद्दे ले जाए जाने के लिए अहम हैं। नॉर्थ कोरिया की मीडिया हमेशा उनका जिक्र करती है क्योंकि वाइस डायरेक्टर का पद भले ही न मिला हो, तानाशाह की बहन की हैसियत वही है। देश के लिए वो तमाम तरह के बड़े मुद्दों को खुद ही देखती हैं।