(Pi Bureau)
राजधानी दिल्ली और यूपी में इस साल हुए सांप्रदायिक दंगे तो सभी को याद ही होंगे, इन दंगों को हुए अभी बहुत अधिक समय नहीं हुआ है। दंगाइयों ने दंगे किए, सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, करोड़ों रूपये की संपत्ति को आग के हवाले कर दिया।
योगी ने निकाली तरकीब, ट्रंप ने अपनाई
दंगों के इस रवैये से परेशान होकर सरकारों ने भी इनसे निपटने की तरकीब निकाली, इलाके में लगे सीसीटीवी खंगाले गए। मुंह पर कपड़ा बांधकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के पोस्टर निकाले गए, शहर की प्रमुख सड़कों और चौराहों पर उनको चस्पा कर दिया गया, साथ ही शहर के लोगों से इन लोगों की पहचान करने की अपील की गई, जिनकी पहचान हो गई, उनके घर नोटिस पहुंच गए। संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का हर्जाना भर रहे हैं। उस समय प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा जिन्होंने संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है उन्हीं से उसकी वसूली की जाएगी।
अब कुछ इसी तर्ज पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी चल पड़े हैं। अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद वहां भी अश्वेत और श्वेत लोगों ने मिलकर अमेरिका के तमाम शहरों में जोरदार प्रदर्शन किए। तोड़फोड़ और लूटपाट की, करोड़ों रूपये का नुकसान किया। अब यहां ये दंगे शांत हुए है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तमाम सीसीटीवी फुटेज और वीडियो से निकाली गई लोगों को एक दर्जन से अधिक फोटो अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किए हैं और लोगों से इनको पहचानने की अपील की है। बीते दो दिनों से ट्रंप लगातार ऐसी तस्वीरें ट्वीट कर रहे हैं।
अमेरिका में लेफायेट्टे पार्क में हुए दंगे के आरोपियों के पोस्टर कई जगहों पर लगाए भी गए हैं। इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति एंड्र्यू जैक्सन की प्रतिमा को गिराया है। राजधानी वाशिंगटन डीसी में स्थापित एक कॉन्फेडरेट जनरल की प्रतिमा को प्रदर्शनकारियों ने तोड़कर आग के हवाले कर दिया था। यह घटना 19 जून को हुई जिस दिन को अमेरिका में दास प्रथा के अंत के रूप में मनाया जाता है।
रस्सियों से बांधकर तोड़ी गई मूर्तियां
ग्रेनाइट के बने मंच पर स्थापित 11 फुट की अलबर्ट पाइक की प्रतिमा को जंजीर से बांधकर गिराया गया और मूर्ति गिरने पर प्रदर्शनकारियों ने उसपर कूद-कूद कर अपनी खुशी का इजहार किया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने खंडित मूर्ति के चारों ओर लकड़ी रख उसमें आग लगा दी थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने न्याय नहीं तो शांति नहीं और नस्लवादी पुलिस नहीं चाहिए के नारे भी लगाए थे। इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया गया था। वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस घटनास्थल पर मौजूद थी लेकिन उन्होंने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश नहीं की।
प्रदर्शन करने वालों ने अमेरिका के तमाम शहरों में लगी मूर्तियों को तोड़कर अपना विरोध दर्ज कराया। आलम ये हो गया कि प्रदर्शन करने वालों ने चुन-चुनकर मूर्तियां तोड़ी। जिन मूर्तियों को तोड़ना आसान नहीं था उसे रस्सी से बांधकर खींचकर गिरा दिया या फिर उस पर रंग डाल दिया। वहां तमाम चीजें लिख दीं।
एक समय ऐसा आ गया जब स्थानीय प्रशासन को अपने यहां लगी ऐसी तमाम मूर्तियों को हटाने का काम करना पड़ा। प्रशासन ने पुलिस की मौजूदगी में ऐसी दर्जनों मूर्तियों को क्रेन की मदद से उठाकर उसे पहले ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया जिससे प्रदर्शन करने वाले उसे नुकसान न पहुंचा सके। अमेरिका में तमाम जगहों पर खास-खास लोगों की मूर्तियां लगी हुई हैं, ये मूर्तियां उन इतिहासकारों की है जिनका अमेरिका में किसी न किसी तरह से योगदान है।