(Pi Bureau)
चंडीगढ़। पंजाब के सीमांत जिला फिरोजपुर में रैली करने आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में हुई बड़ी चूक के कारण बुधवार को प्रधानमंत्री को रैली रद कर वापस दिल्ली लौटना पड़ा। मामले में पंजाब सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मेहताब सिंह गिल और एडिशनल चीफ सेक्रेटरी गृह विभाग अनुराग अग्रवाल को इसकी जांच सौंप दी है। कमेटी से 3 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है।
बता दें, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार सुबह 11 बजे विमान से सुबह बठिंडा पहुंचे थे। यहां पंजाब सरकार की ओर से वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री को को बठिंडा एयरपोर्ट से हेलीकाप्टर से हुसैनीवाला पहुंचकर राष्ट्रीय शहीद स्मारक का दौरा करना था, परंतु मौसम खराब होने के कारण हेलीकाप्टर उड़ान नहीं भर सका। इस कारण प्रधानमंत्री का काफिले सड़क मार्ग से फिरोजपुर के लिए निकला था।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री का काफिला रोके जाने पर खेद जताते हुए सारे घटनाक्रम की जांच के आदेश दिए हैं। बठिंडा से बाजाखाना, कोटकपूरा, फरीदकोट से होते हुए फिरोजपुर पहुंचना था। बठिंडा से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित फिरोजपुर से करीब आठ किलोमीटर पहले ही प्रधानमंत्री के काफिले को रास्ते में रोक लिया गया। भारत-पाक सीमा पर हुसैनीवाला से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित इस जगह पर कुछ किसान पहले से धरने पर थे और जब उन्हें पता चला कि प्रधानमंत्री का काफिला इसी रास्ते से आ सकता है तो उन्होंने और लोगों को भी बुला लिया।
पुलिस को इसकी सूचना थी कि प्रधानमंत्री यहां से आने वाले हैं, लेकिन जब तक प्रधानमंत्री का काफिला वहां पहुंचता, तब तक बड़ी संख्या में लोग वहां इकट्ठा हो गए थे। पंजाब पुलिस ने उन्हें हटाने को कोशिश की लेकिन वे नारेबाजी करते रहे। इस दौरान बीस मिनट तक फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री का काफिले को रुके रहने पर मजबूर होना पड़ा। उसके बाद रैली स्थल पर जाने के बजाय प्रधानमंत्री का काफिला वापस बठिंडा चला गया। बठिंडा एयरपोर्ट से दोपहर करीब तीन बजे प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
देर शाम चंडीगढ़ में हुई कैबिनेट बैठक में वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कहा था कि अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दे दें कि मैं बठिंडा जिंदा वापस लौट आया। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल की ड्यूटी प्रधानमंत्री को रिसीव और सी आफ करने के लिए लगाई गई थी। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई इस बड़ी चूक पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से 24 घंटे में जवाब मांगा है। गृह मंत्रालय (एमएचए) का कहना है कि वह इस गंभीर सुरक्षा चूक का संज्ञान ले रहा है और राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार को भी इस चूक की जिम्मेदारी तय करने और सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है।