(Pi Bureau)
आगामी वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पेश किए गए बजट में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग को दो साल तक अपडेट करने की सुविधा की घोषणा की गई है। लेकिन, अपडेट फाइलिंग के लिए टैक्स भी देना होगा। ITR को एक साल के भीतर अपडेट करने पर अघोषित आय पर 25 फीसद टैक्स देना होगा। अगर, दूसरे साल ITR अपडेट करते हैं तो अघोषित आय पर 50 फीसद टैक्स देना होगा। लेकिन, इस दौरान इनकम टैक्स विभाग ने यह पकड़ लिया कि टैक्सपेयर ने अपना सही इनकम नहीं दिखाया है और टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स विभाग की तरफ से नोटिस जारी कर दिया जाता है तो वह अपने ITR को अपडेट नहीं कर पाएगा।
टैक्स विशेषज्ञ और चार्टर्ड एकाउंटेंट (CA) असीम चावला ने बताया कि अपडेट फाइलिंग की सुविधा से उन लोगों को फायदा मिलने वाला है, जिन्होंने गलती से अपनी आय को नहीं बताया है और उस पर टैक्स नहीं दिया है। चावला ने बताया कि मान लीजिए 100 रुपए की आय जिस पर टैक्स लगता और उसे ITR में नहीं दिखाया गया है, तो पहले साल अपडेट फाइलिंग के तहत टैक्सपेयर्स को 25 रुपए का टैक्स देना होगा और वह चैन की नींद सो सकेगा। दूसरे साल ITR को अपडेट करने पर उसे 100 रुपए के कर योग्य आय पर 50 रुपए या 50 फीसद टैक्स देना होगा।
उन्होंने बताया कि इस स्कीम से टैक्सपेयर्स को फायदा होगा क्योंकि इनकम टैक्स विभाग की तरफ से अघोषित आय के सेटलमेंट पर 100 फीसदी का जुर्माना लगता है जबकि अपडेट फाइलिंग के तहत 50 फीसद टैक्स में ही बिना किसी झंझट के टैक्सपेयर्स का काम हो जाएगा। हालांकि, ITR को अपडेट करने से पहले अगर इनकम टैक्स विभाग नोटिस भेज देता है तो फिर ITR को अपडेट नहीं किया जा सकेगा। फिर तो इनकम टैक्स विभाग के साथ ही सेटलमेंट करना होगा। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि अपडेट फाइलिंग का रिवाज न शुरू हो जाए। अगर कोई अंकुश नहीं होगा तो हर कोई ITR की अपडेट फाइलिंग करने लगेगा या नीयत समय पर आईटीआर फाइलिंग करने की जगह दो साल में कभी भी आईटीआर फाइल करने लगेगा।
टैक्स विशेषज्ञों के मुताबिक, यह सुविधा इसलिए दी गई है कि अब शेयर बाजार से लेकर अन्य कई तरह के माध्यम से लोग कमाई करने लगे हैं। कई बार ITR फाइल करने के दौरान सचमुच में दूसरे माध्यम से होने वाली छोटी-मोटी कमाई का ध्यान नहीं रहता है और टैक्सपेयर्स उसे आईटीआर में नहीं दिखा पाते हैं। अभी रिवाइज ITR फाइल करने के लिए छह महीने का समय दिया जाता है।
ITR फॉर्म में होगा क्रिप्टोकरेंसी का कॉलम
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, अगले साल से इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म में क्रिप्टोकरेंसी का अलग से कॉलम होगा। क्रिप्टो ट्रांजेक्शन करने वाले इस कॉलम को भरेंगे और अपनी कमाई के हिसाब से टैक्स देंगे। बजट में क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर 30 फीसद टैक्स एवं सरचार्ज तथा सेस लगाने का फैसला किया गया है। वित्त मंत्रालय का मानना है कि जब इससे कमाई हो रही है तो उस पर टैक्स क्यों नहीं लिया जाए।