(Pi Bureau)
राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिका को रूस द्वारा किए गए सेना वापसी वाले दावे पर भरोसा नहीं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की सीमा से रूसी सेना की वापसी की बात से अमेरिका सहमत नहीं है ओर उसे अब भी यूक्रेन पर बरकरार रूसी हमले की संभावना दिखाई दे रही है।
बता दें कि अमेरिका के साथ ही पश्चिमी देशों ने भी कहा हे कि रूस के दावे के ठोस सुबूत नहीं हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने कहा, ‘हमारी खुफिया जानकारी आश्वस्त करने वाली नहीं है।’
यूक्रेन की सीमा से हटे रूसी सैनिक
रूस ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन के पास सैन्य अभ्यास करने के बाद उसकी कुछ सैन्य इकाइयां अपने ठिकानों पर लौट रही हैं। रूस के इस दावे पर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों की ओर से बेहद सतर्क और सधी हुई प्रतिक्रिया आई है। ब्रिटिश पीएम बोरिस जानसन ने कहा कि रूस के साथ कूटनीतिक वार्ता का रास्ता खुला है लेकिन जमीनी स्तर पर खुफिया जानकारी बहुत उत्साहजनक नहीं है।
नाटो को भी रूस के दावे पर नहीं है यकीन
नाटो ने भी कहा है कि उसे जमीनी स्तर पर अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं दिख रहा है। वहीं वार्ता के लिए मास्को पहुंचे जर्मन चांसलर ओलफ शुल्ज ने कुछ रूसी सैनिकों को मोर्चे से हटाए जाने का स्वागत किया। रूस की इस घोषणा का बाजार पर सकारात्मक असर दिखा है। रूस और यूक्रेन के शेयर बाजार में उछाल आया और तेल के भाव में गिरावट देखने को मिली। उल्लेखनीय है रूस ने पिछले कई दिनों से यूक्रेन की घेराबंदी कर रखी है। उसके करीब एक लाख तीस हजार सैनिक आधुनिक सैन्य साजो-सामान के साथ यूक्रेन के इर्द-गिर्द मोर्चाबंदी किए हैं। शीत युद्ध के बाद यूरोप में यह अब तक की सबसे तनावपूर्ण स्थिति मानी जा रही है। दुनिया को आशंका है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है।
इस बीच क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि हमने हमेशा कहा कि सैन्य अभ्यास के बाद हमारी सेनाएं लौट आएंगी। वैसा ही हो रहा है। उधर नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने मीडिया से कहा कि मास्को से संकेत मिल रहे हैं कि हमें कूटनीति जारी रखनी चाहिए। हम आशान्वित हैं लेकिन जमीनी स्तर पर अभी तक हमने रूस की ओर से सेनाएं हटाने का कोई संकेत नहीं देखा। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थामस ग्रीनफील्ड ने कहा कि रूस ने सैनिक घटाने की बात कही है वह स्वागत योग्य है लेकिन अभी तक इस तरह का कोई सुबूत नहीं मिला है। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि कीव को रूस पर तभी भरोसा होगा जब वह रूसी सैनिकों को मोर्चे से पीछे हटते देखेगा।