(Pi Bureau) झारखंड। झारखंड के सिमड़ेगा में दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। इस घटना के बाद जेहन में सवाल उठता है कि क्या सच में इंसानियत मर गई है। राज्य में 11 साल की एक बच्ची की मौत हो गई और इसके पीछे की वजह हैरान कर देने वाली है। बच्ची को 8 दिन से खाना न मिलने के कारण 28 सितंबर को भूख से उसकी मौत हो गई। छह महीने पहले पीड़ित परिवार का सरकारी राशन कार्ड सिर्फ इसलिए रद्द कर दिया गया क्योंकि वह आधार से लिंक नहीं था। इस मामले में राइट टू फूड कैंपेन के एक्टिविस्ट्स का कहना है कि अगर पीड़ित परिवार को पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन स्कीम के तहत राशन दे दिया जाता तो बच्ची को 8 दिनों तक भूखा नहीं रहना पड़ता और उसकी जान नहीं जाती।
मां ने बयां किया दर्द
संतोषी की मां कोयली देवी ने बताया कि 28 सितंबर की दोपहर बेटी ने पेट दर्द होने की शिकायत की। वैद्य को दिखाया तो उन्होंने कहा कि इसको भूख लगी है। खाना खिला दो, ठीक हो जाएगी। घर में राशन का एक दाना नहीं था। इधर संतोषी भी भात-भात कहकर रोने लगी थी। उसका हाथ-पैर अकड़ने लगा। उसकी मां घर में रखी चायपत्ती और नमक मिलाकर चाय बनाई और बच्ची को पिलाने की कोशिश की लेकिन तब तक भूख से छटपटाते हुए उसने दम तोड़ दिया।
करीमति गांव की रहने वाली मृतक संतोषी कुमारी के परिवार के पास न तो जमीन है, न कोई नौकरी और न ही कोई स्थायी आय है जिसके कारण उसका परिवार पूरी तरह से नेशनल फूड सिक्यूरिटी के तहत मिलने वाले राशन पर ही निर्भर था और इसी से पूरा परिवार को भोजन मिल रहा था। आधार के साथ राशन कार्ड लिंक न होने पर उन्हें राशन देना बंद कर दिया गया जिससे पिछले आठ दिनों से घर में अन्न का एक दाना नहीं था और न ही इतने पैसे थे कि वे राशन खरीद सकते। घर के सभी लोग भूखे थे लेकिन बच्ची यह भूख बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसने दम तोड़ दिया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद झारखंड सरकार ने जनता को सरकारी सुविधा प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड जरूरी किया हुआ है।
सीएम ने मांगी रिपोर्ट
बच्ची की मौत पर सीएम रघुवर दास ने जांच के ऑर्डर दिए हैं। सीएम मंगलवार को सिमडेगा पहुंचे थे। उन्होंने जिले के डिप्टी कमिश्नर मंजूनाथ भजंत्री से पूरे मामले की जानकारी ली। सीएम ने पूछा कि मीडिया में जो भूख से मौत की खबर चल रही है, उसका सच क्या है। इसपर डीसी ने बताया कि बच्ची की मौत मलेरिया से हुई है। तीन सदस्यीय जांच कमिटी ने मौत की जांच की है। सीएम ने पूरे मामले की डीसी को खुद जांच करने के ऑर्डर दिए और कहा है कि 24 घंटे के अंदर इसकी रिपोर्ट दी जाए।