(Pi Bureau) नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने ममता बनर्जी को ‘जन्मजात विद्रोही’ करार दिया और उन क्षणों को याद किया जब वह एक बैठक से सनसनाती हुई बाहर चली गई थीं और वह खुद को कितना ‘अपमानित और बेइज्जत’ महसूस कर रहे थे।
मुखर्जी ने अपनी नई किताब ‘द कोएलिशन ईयर्स’ में उनके (ममता के) व्यक्तित्व की उस आभा का जिक्र किया है जिसका ‘विवरण कर पाना मुश्किल और अनदेखी करना असंभव है।’
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि ममता ने निडर और आक्रामक रूप से अपना रास्ता बनाया और यह ‘उनके खुद के संघर्ष का परिणाम’ था। उन्होंने लिखा, ‘‘ममता बनर्जी जन्मजात विद्रोही हैं।’’ उनकी इस विशेषता को वर्ष 1992 में पश्चिम बंगाल कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव के एक प्रकरण से बेहतर समझा जा सकता है जिसमें वह हार गई थीं।