(Pi Bureau)
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में करीब 40 प्रतिशत की वृद्धि के अनुरूप थोक खरीदारों को बेचे जाने वाले डीजल की कीमत में करीब 25 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है, लेकिन पेट्रोल पंपों पर खुदरा दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। गौरतलब है कि पेट्रोल पंपों की बिक्री इस महीने पांच गुना बढ़ गई क्योंकि बस फ्लीट ऑपरेटरों और मॉल जैसे थोक उपयोगकर्ता तेल कंपनियों को सीधे ऑर्डर देने की सामान्य प्रथा के बजाय ईंधन खरीदने के लिए पेट्रोल पंपों पर आ गए, जिससे खुदरा विक्रेताओं का घाटा बढ़ गया।
मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने कहा कि ‘सबसे ज्यादा नुकसान नायरा एनर्जी, जियो-बीपी और शेल जैसे निजी खुदरा विक्रेताओं को हुआ है, जिन्होंने अब तक बिक्री में उछाल के बावजूद किसी भी मात्रा में कटौती करने से इनकार कर दिया है। लेकिन, अब 136 दिनों से स्थिर दरों पर अधिक ईंधन बेचना के मुकाबले पंपों को बंद करना अधिक व्यवहार्य समाधान है।’ बता दें कि 2008 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने देश में अपने सभी 1,432 पेट्रोल पंपों को बंद कर दिया था। उसकी बिक्री लगभग शून्य हो गई थी क्योंकि वह सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा दी जाने वाली रियायती कीमत से मेल नहीं खा सका थी।
उन्होंने कहा कि ‘इसी तरह का परिदृश्य फिर से सामने आ सकता है क्योंकि थोक उपयोगकर्ताओं को पेट्रोल पंपों की ओर मोड़ने से खुदरा विक्रेताओं का घाटा बढ़ जाता है।’ मुंबई में थोक उपयोगकर्ताओं को बेचे जाने वाले डीजल की कीमत बढ़कर 122.05 रुपये प्रति लीटर हो गई है जबकि पेट्रोल पंपों पर खुदरा रूप में बेचे जाने वाले समान ईंधन की कीमत 94.14 रुपये प्रति लीटर है।
दिल्ली में पेट्रोल पंप पर डीजल की कीमत 86.67 रुपये प्रति लीटर है, लेकिन थोक या औद्योगिक उपयोगकर्ताओं के लिए इसकी कीमत लगभग 115 रुपये है। बता दें कि पीएसयू तेल कंपनियों ने वैश्विक तेल और ईंधन की कीमतों में वृद्धि के बावजूद 4 नवंबर 2021 से पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में वृद्धि नहीं की है।