(Pi Bureau)
अफगानिस्तान में जनवरी से कुपोषण एवं भुखमरी से संबंधित बीमारियों के कारण लगभग 13 हजार नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी है। करीब 95 फीसद आबादी के पास खाने को नहीं है और 35 लाख बच्चों को पोषण समर्थन की आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र ने इस स्थिति को ‘खाद्य असुरक्षा और अप्रत्याशित अनुपात में कुपोषषण संकट’ कहा है।
ह्यूमन राइट वाच (एचआरडब्ल्यू) के वरिष्ठ अधिकारी बिरगिट स्कवार्ज ने एक ट्वीट में कहा है, ‘साल के शुरू होने के समय से अफगानिस्तान में लगभग 13 हजार नवजात शिशुओं की कुपोषण एवं भूख से मौत हो चुकी है। यह औसत रोजाना 170 से ज्यादा शिशुओं का है। देश को सक्रिय सेंट्रल बैंक की आवश्यकता है।’
कई देशों द्वारा भेजी गई मानवीय सहायता के अतिरिक्त इस स्थिति में अफगानिस्तान को संकट से निपटने के लिए एक सक्रिय बैंकिंग प्रणाली की अत्यंत आवश्यकता है। अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक पर प्रतिबंध के कारण अभी तक बड़ा हस्तांतरण या निकासी असंभव बना हुआ है।
एचआरडब्ल्यू ने कहा कि यह सुनिश्चित किए गए बगैर कि कोषष का इस्तेमाल वैधानिक मानवीय एवं व्यावसायिक उद्देश्य के लिए किया जा रहा है संकट का समाधान तलाशना और अफगानिस्तान के बच्चों की सहायता करना असंभव है।
संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम के आंकड़ों का हवाला देते हुए अफगानिस्तान पुनर्निर्माण के विशेष महानिरीक्षक (SIGAR) ने बताया कि अफगानिस्तान के बडी आबादी ‘भूख की सुनामी’ का सामना कर रहे हैं।
चौतरफा समस्याओं से घिरे अफगानी
टोलो न्यूज की रिपोर्ट की मानें तो SIGAR रिपोर्ट में कहा गया है कि रिकार्ड सूखा, बढ़ती खाद्य कीमतों, आंतरिक विस्थापन के साथ-साथ आर्थिक रूप से कमजोर होना और सार्वजनिक सेवाओं का पतन एक ‘मानवीय आपातकाल’ है। बता दें कि SIGAR ने अफगानिस्तान में 145.87 बिलियन अमरीकी डालर के पुनर्निर्माण प्रयासों की जांच करते हुए अमेरिकी कांग्रेस को अपनी त्रैमासिक रिपोर्ट सौंपी है।