25 मार्च को इमरान खान को करना होगा इस मुश्किल का सामना, इस महीने हो सकती है विदाई?

(Pi Bureau)

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अपने पद से इसी महीने विदाई होती दिख रही है। कथित तौर पर सेना के शीर्ष अधिकारियों ने इमरान खान से इस्तीफा देने को कहा है। उनसे कहा गया है कि वह 22-23 मार्च को देश में आयोजित होने वाले इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के सम्मेलन के बाद अपना पद छोड़ दें क्योंकि पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में लगातार राजनीतिक उथल-पुथल देश के हित में नहीं है। 

पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान को बाहर करने का निर्णय जनरल कमर जावेद बाजवा और तीन अन्य वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल ने एक बैठक में लिया। रिपोर्ट के मुताबिक सैन्य अधिकारियों ने इमरान खान को बचने का कोई रास्ता नहीं देने का फैसला लिया है। 

इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 25 मार्च को
वहीं दूसरी तरफ इमरान खान सरकार अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है, क्योंकि इमरान खान के खिलाफ विपक्षी दलों के नेताओं ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 25 मार्च को नेशनल असेंबली की बैठक बुलाई है। विपक्षी नेता उन्हें अर्थव्यवस्था और विदेश नीति के कुप्रबंधन के लिए दोषी ठहराते हैं। लिहाजा अविश्वास प्रस्ताव 2018 में सत्ता में आने के बाद से इमरान खान के लिए सबसे कठिन परीक्षा मानी जा रही है। 

खान की आगे की राह कैसे मुश्किल?  
विदेश मामलों के जानकार कमर आगा बताते हैं कि इमरान खान के पास कोई विकल्प बचा नहीं है। वे खुद तो डूबे ही सेना को भी ले भी डूबे। सेना ही उन्हें सत्ता में लेकर आई थी। उन्हें जबरदस्ती सेना के दम पर जीत हासिल हुई थी, लेकिन पाकिस्तान के अंदरूनी हालात जिस तरह के हो गए हैं और जिस तरह की आर्थिक अस्थिरता देश में आ गई है, अब सेना के खिलाफ भी पाकिस्तान में माहौल बन गया है। सेना की जो योजना थी, उसमें वह सफल नहीं हो पाई। सेना जनता में एक्सपोज हो गई। हो सकता है कि अब कमर जावेद बाजवा को भी जाना पड़ जाए।

वे बताते हैं अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही इमरान खान  को सत्ता से हटाने के लिए उनकी ही राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ  के कई सांसदों ने विपक्ष के साथ जुगलबंदी कर ली है। प्रस्ताव से पहले ही उनकी पार्टी के अंदर भी विद्रोह हो गया है। इसका मतलब है कि अविश्वास प्रस्ताव को जीतना इमरान खान के लिए बड़ी कठिन परीक्षा होगी।

 

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