बड़ी खबर: पीएम मोदी से शरद पवार ने की मुलाकात, दोनों के बीच 20 मिनट हुई बातचीत

(Pi Bureau)

महाराष्ट्र के राकांपा प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को संसद भवन में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। रिपोर्ट के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी व राकांपा प्रमुख पवार के बीच यह मुलाकात करीब 20 मिनट चली। महाराष्ट्र विधानसभा के पहली बार निर्वाचित विधायकों को लोकसभा सचिवालय द्वारा आयोजित एक प्रशिक्षण में शामिल होने दिल्ली बुलाया गया है। इस मौके पर शरद पवार ने इन्हें मंगलवार रात डिनर पर आमंत्रित किया था। यह प्रशिक्षण 5 व 6 अप्रैल को रखा गया है। मंगलवार शाम को राज्यसभा सदस्य राउत ने इन विधायकों को अपने निवास पर चाय पर बुलाया था। महाराष्ट्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि इस मौके पर हमने भी रात्रिभोज रखा। ये सब मात्र सौजन्य भेंट है।

महाराष्ट्र को लेकर भाजपा लगातार सक्रिय है। अपनी पुरानी साथी शिवसेना द्वारा दो साल पहले साथ छोड़ने व उसके धुर विरोधी दलों कांग्रेस तथा राकांपा के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी एमवीए सरकार बनाने के बाद से उसकी गठबंधन सरकार से तकरार जारी है।

कांग्रेस के असंतुष्टों पर भाजपा की नजर
उधर, भाजपा की नजर कांग्रेस के असंतुष्टों पर है। बीते दिनों 25 कांग्रेस विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर गठबंधन सरकार में शामिल पार्टी के मंत्रियों द्वारा उनकी उपेक्षा का आरोप लगाया है। यदि उनकी नाराजगी और बढ़ती है और वे बगावत पर उतरते हैं तो भाजपा उन्हें अपने पाले में लेने में देर नहीं करेगी। 

जहां तक सवाल शिवसेना का है तो उसका व भाजपा का मेल अभी मुश्किल नजर आता है। उधर राकांपा भी अपने कई नेताओं के जांच एजेंसियों के घेरे में होने को लेकर केंद्र से खफा है। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार, मंत्री नवाब मलिक पर शिकंजा कसा जा चुका है तो शिवसेना सांसद संजय राउत की भी संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। 

राज ठाकरे के सक्रिय होने से हलचल
उधर, जहां भाजपा की ओर से नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र में सक्रियता बढ़ाई है, वहीं, शिवसेना प्रमुख व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई तथा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ‘मनसे’ के प्रमुख राज ठाकरे भी ताल ठोंकते नजर आ रहे हैं। लंबे अरसे बाद उन्होंने मस्जिदों में तेज आवाज में लाउड स्पीकर बजाए जाने पर आपत्ति जताते हुए इन पर कार्रवाई की मांग की है। इन हालातों से लग रहा है कि महाराष्ट्र में नए सियासी समीकरण बन सकते हैं।

 

 

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